कोर्ट ने छात्र के इलाज में लापरवाही से मौत मामले में स्कूल के प्रिंसिपल और वार्डन समेत एक अन्य कर्मचारी को दो साल की सजा सुनाई है। जिस कारण से नैनीताल शहर के जाने माने शेरवुड स्कूल प्रबंधन को जिला न्यायलय से बड़ा झटका लगा है। साल ही जिला न्यायलय ने सभी आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
बता दें कि साल 2014 में नेपाल निवासी छात्र शांत प्रजापति की स्कूल में तबीयत खराब हो गई थी। जिसके बाद स्कूल प्रबंधन के द्वारा छात्र का कॉलेज इनफॉर्मरी में उपचार किया गया। स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद छात्र को उपचार के लिए हल्द्वानी बॉम्बे अस्पताल भेजा गया। जहां से डॉक्टरों ने छात्र की गंभीर हालत को देखते हुए उसे दिल्ली हायर सेंटर रेफर कर दिया। जहां रास्ते में ही छात्र की मौत हो गई। जिसके बाद छात्र के परिजनों के द्वारा बेटे के इलाज में लापरवाही व मौत के मामले पर नैनीताल के तल्लीताल थाने में 302 ए के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस जांच व नैनीताल एडीएम के द्वारा मामले की जांच की गई। जिसमें स्कूल के प्रधानाचार्य अमनदीप संधू, वार्डन रवि कुमार और कर्मचारी पायल पॉल को दोषी पाया गया। जिस रिपोर्ट के आधार पर नैनीताल जिला न्यायालय की सेशन कोर्ट के द्वारा स्कूल के प्रधानाचार्य, वार्डन समेत सिस्टर को दोषी मानते हुए दो-दो साल की सजा सुनाई है। साथ ही सभी आरोपियों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
इस मामले की सुनवाई के बाद प्रिंसिपल समेत अन्य के द्वारा अपनी रिहाई को लेकर अंतरिम जमानत याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने प्रिंसिपल, स्कूल वार्डन समेत हॉस्टल सिस्टर को एक माह के लिए अग्रिम जमानत पर रिहा कर दिया है।