रोगी स्वयम ही सबसे बड़ा चिकित्सक होता है। हर आने वाली बीमारी या शरीर में होने वाले परिवर्तन को वो खुद बता देता हैं, लेकिन हम शरीर के इन संकेतों को अनदेखा कर देते हैं।
जीभ पर सफेद या भूरे रंग का मैल जमना पेट की खराबी को बताता है।
निमोनिया, प्लूरिसी आदि रोग में नाक के नथुने तेजी से फड़कते हैं।
अधिक थकावट या पुराने कब्ज में आखों के नीचे कालापन आ जाता है।
कमजोरी, खून की कमी, ल्यूकोरिया (श्वेत-प्रदर) आदि में आंखों के चारों तरफ कालापन आ जाता है।
किडनी के कार्य में रुकावट आने पर आंखों के नीचे सूजन आ जाती है।
बुखार आने पर होठों के कोने पर सफेद छाले हो जाते हैं।
पीरियड्स कम आने पर गालों पर झाइयां हो जाती हैं।
बार-बार और जल्दी जल्दी पेशाब आने पर एव पैरंो की एड़ी में दर्द होने पर शुगर की समस्या हो सकती है।
एड़ी में दर्द होने पर यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ी होती है।
फेफड़ों में इन्फेक्शन होने पर गाल लाल हो जाते हैं।
टायफाइड में शाम को शरीर का तापमान एक डिग्री बढ़ जाता है।
पेट में कीड़े होने पर बच्चे सोते समय दांत किटकिटाते हैं या सोते समय बिस्तर पर यूरिन कर देते हैं।
पेट में कीड़े होने पर बच्चों को नाक और मलद्वार में खुजली होती है।
पेट में कीड़े होने पर चेहरे पर हल्के सफेद रंग के धब्बे हो जाते हैं।
तिल्ली बढ़ने पर जीभ का रंग सफेद हो जाता है।
आंतों और पेट के रोग में जीभ पर छाले या घाव हो जाते हैं।
लो ब्लडप्रेशर और खून की कमी होने पर आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है।
महिलाओं में यूट्रस (बच्चेदानी) में रोग होने पर हाथ की उंगलियों के पीछे कालापन आ जाता है।
पेट के रोग या किसी लंबी बीमारी में होंठ फटने लगते हैं।
हाइपोथायरॉइडिज्म (थाइरॉइड ग्लैंड का हरमोन कम निकलना) में गले में सूजन आ जाती है।
यूरीन का रंग पीला आना से शरीर में पानी की कमी को बताता है।
पेशाब रुक रुक कर आना पथरी की समस्या बताता है।
Dr. (Vaid) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
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