वृहद सत्यापन अभियान के दौरान एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में कब्रिस्तान कमेटी के कुछ पदाधिकारियों ने जीवित व्यक्तियों को मृत घोषित कर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया। यह खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने एक शिकायत की जांच के दौरान एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर जारी मृत्यु प्रमाण पत्र का पता लगाया जिसे अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वह वर्तमान में जमानत पर बाहर है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा के कड़े निर्देशों पर बनभूलपुरा पुलिस ने गहन जांच शुरू की।जांच में पाया गया कि कब्रिस्तान कमेटी के कुछ पदाधिकारी मोटी रकम के बदले जीवित व्यक्तियों और अन्य राज्यों में मृत लोगों के नाम पर फर्जी रसीदें बनवाकर नगर निगम से मृत्यु प्रमाण पत्र हासिल कर रहे थे। इस साजिश में शामिल कब्रिस्तान कमेटी के पदाधिकारी इकबाल अंसारी, उनके पुत्र तनवीर अहमद और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ नगर निगम के रजिस्ट्रार जन्म एवं मृत्यु डॉ. मनोज कांडपाल की तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है।
पूरे मामले में पुलिस ने विधिक कार्रवाई शुरू कर दी है। मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया है फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्रों का उपयोग संपत्ति हड़पने, कानूनी दायित्वों से बचने या अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए हो सकता है, जिससे इसकी गंभीरता और बढ़ जाती है।