नौकरी के नाम पर लाखों ठगने के बाद आरोपित ने आश्रम का बनाया सुरक्षित ठिकाना
हरिद्वार। तीर्थनगरी के एक बड़े प्रभावशाली संत के कथित सचिव पर नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपित सचिव को संत ने अपने यहां कनखल स्थित आश्रम में शरण दी हुई है, जिस कारण से आरोपित पुलिस की गिरफ्त से बच रहा है।
जानकारी के मुताबिक पीड़ित कृष्ण निवासी बैंसी, लाखन माजरा, रोहतक, हरियाणा ने हरियाणा के रोहतक जिले के लाखन थाना में 21 अप्रैल को तहरीर देकर रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ आईपीसी की धारा 34, 420,467, 468, 471 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया हुआ है।
सूत्र बताते हैं कि आरोपित सचिव शिवकुमार को रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 7 लाख रुपये दिए गए। सचिव व उसके साथियों ने मिलकर धोखाधड़ी कर पीड़ित के रुपये हड़प लिए। आरोप है की न तो रुपये वापस मिले और न ही नौकरी के लिए ज्वाईन लेटर मिला। बताते हैं कि 25 फरवरी को रुपये वापस देने के लिए आरोपित ने पीड़ित को अपने रोहतक स्थित घर बुलाया। जब पीड़ित का पुत्र रुपये लेने आरोपित के घर पहुंचा तो जेल भिजवाने की धमकी दी।
सूत्र बताते हैं कि आरोपित को बाबा ने अपने यहां शरण दी हुई है। बाबा के प्रभाव के कारण आरोपित बचा हुआ है। बाबा के यहां मंत्री, संतरी और अधिकारियों के आए दिन माथा टेकने के कारण आरोपितों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि पीड़ितों से धोखाधड़ी कर हड़पी गई रकम की बाबा और उसके बीच में बंदरबांट होती है। इसके अलावा और भी कई लोग हैं, जिनसे बाबा का प्रभाव दिखाकर सचिव ने लाखों की धोखाधड़ी की हुई है। आरोपित सचिव आज भी बाबा के यहां ऐश से छिपा बैठा है और पुलिस उसे ढूढ़ती फिर रही है।
सूत्र बताते हैं कि वैसे पुलिस की हिम्मत नहीं की आरोपित को बाबा के यहां से पकड़कर ले जाए। कारण की बाबा की नीचे से लेकर ऊपर तक काफी पहुंच है।