भांगः जानिए स्वास्थ्य के लिए कितनी है लाभकारी

भांग के मादा पौधों में स्थित मंजरियों से निकले राल से गांजा प्राप्त किया जाता है। भांग के पौधों में केनाबिनोल नामक रसायन पाया जाता है। भांग कफशामक एवं पित्तकोपक होता है। आज हम आपको इसके औषधीय गुणों से परिचित कराते हैं।
’जाको नींद नहिं आवे, वह नर रहे उदास’
’भांग भून तलवा मले निंदिया आवे पास’

नींद न आने की स्थिति में इसे चिकित्सकों द्वारा औषधि के रूप में प्रयोग कराया जाता है।
पत्तियों के स्वरस का अर्क बनाकर कान में 2-3 बूँद डालना सिरदर्द के लिए अच्छी औषधि है।
मानसिक रोगों में चिकित्सक इसे 125 मिलीग्राम की मात्रा में आधी मात्रा हींग मिलाकर प्रयोग कराते हैं।
काली मिर्च के साथ भांग का चूर्ण चिकित्सकीय परामर्श में सुबह और शाम रोगी को चटाने मात्र से भूख बढ़ जाती है। चिकित्सक के परामर्श से इसे अन्य औषधियों के साथ निश्चित मात्रा में लेने से श्रेष्ठ वाजीकारक (सेक्सुअल-एक्टिविटी बढ़ाने वाला ) प्रभाव प्राप्त होता है।
भांग के पत्तों के चूर्ण को घाव पर लगाने से घाव शीघ्र ही भरने लगता है।
इसके बीजों से तेल प्राप्त कर जोड़ों के दर्द में मालिश करने से भी लाभ मिलता है।
भांग के चूर्ण से दुगुनी मात्रा में शुंठी का चूर्ण और चार गुणी मात्रा में जीरा मिलाकर देने पर कोलाईटीस या बार-बार मल त्याग करने (आंवयुक्त अतिसार) में लाभ मिलता है।
ये तो रही इसके औषधीय प्रयोग की बात, अगर इसका मात्रा से अधिक सेवन किया जाए तो यह शरीर को कमजोर एवं विचारहीन बना देता है। अतः इसका औषधि के रूप में सेवन करने से अच्छे प्रभाव और अधिक सेवन करने से दुष्प्रभाव दोनों ही मिलते हैं।

Dr. (Vaid) Deepak Kumar, Adarsh Ayurvedic Pharmacy

Kankhal] Hardwar, aapdeepak.hdr@gmail.com

9897902760

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