जब आप खड़े होकर पानी का सेवन करते हैं तो किडनी को पानी का फिलटरेशन करने में सहायता नहीं मिलती है। अक्सर किडनी और ब्लैडर में अशुद्धियां रहती हैं जो मूत्र पथ विकार पैदा कर सकती हैं।
यह आपके लिए एक बड़ा आघात के रूप में आ सकता है, यदि आप खड़े होकर पानी का सेवन करते हैं, इससे आप आगे चलकर गठिया और जोडों के रोग से प्रभावित हो सकते हैं।
आयुर्वेद में यह उल्लेख किया गया है कि नीचे बैठेकर सीप-सीप करके पानी का सेवन किया जाना चाहिए। यह पानी के आवश्यक अनुपात के साथ मिलकर शरीर में एसिड स्तर को ठीक से पतला करने में मदद करता है।
खड़े होकर पानी पीने से आप पेट की समस्याओं को न्यौता देते हैं। इस तरह से आप लंबे समय के पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाने का काम करेंगे। क्योंकि यह पेट की दीवार और जठरांत्र संबंधी पथ को नुकसान पहुंचाते हैं।
जब आप खड़े होकर पानी का सेवन करते हैं तो शरीर तंत्रिका तनाव का कारण बनती है। लेकिन जब आप बैठकर पानी पीते हैं तो आपकी इंद्रियों को शांति मिलती है। इसके अलावा खड़े होकर पानी पीने से अल्सर और हर्टबर्न की समस्या भी होती है।