हरिद्वार। नगर निगम कर्मचारी महासंघ रुड़की के अध्यक्ष धन प्रकाश शर्मा ने महापौर गौरव गोयल पर मानसिक उत्पीड़न और शोषण का आरोप लगाते हुए नगर आयुक्त को पत्र भेजा है। पत्र में कहा कि महापौर ने फोन पर निर्माण विभाग के दो लिपिकों को धमकाया और नगर आयुक्त को भड़काने का आरोप भी लिपिकों पर लगाया, जो गलत हैं। कर्मचारियों ने पूर्व में की गई शिकायतों की जांच कराने की मांग की। साथ ही ऐसा न करने पर आन्दोलन की धमकी दी।
निगम कर्मियों ने बताया कि लगातार महापौर गौरव गोयल उनका मानसिक उत्पीड़न ओर शोषण कर रहे हैं। इस सम्बन्ध में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया, तो जिलाधिकारी द्वारा इसकी जांच नगर आयुक्त को सौंपते हुए 31 दिसम्बर तक पूरी करने के निर्देश दिये थे। आरोप है कि जांच न होने के कारण महापौर अब कर्मचारियों को नगर आयुक्त के द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों का पालन न करने के लिए बाध्य कर रहे हैं। पत्र में बताया गया है कि 18 फरवरी को निर्माण विभाग के लिपिक प्रवीण कुमार जब महापौर को पत्रावली का अवलोकन करा रहे थे, तो उसके ऊपर कथित रुप से पुरानी तिथियों में यह टिप्पणी अंकित की गई कि बिल बनाने से पहले आईआईटी की जांच करवा ली जाये। आरोप है कि जब यह बात लिपिक ने नगर आयुक्त को बताई तो महापौर ने अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए निर्माण विभाग के दोनों लिपिकों को फोन कर धमकाया और कहा कि वह उनके खिलाफ नगर आयुक्त को भड़का रहे हैं। शिकायत में कहा गया कि वह महापौर के उत्पीड़न से तंग आ गये हैं और इस मामले में अब कार्रवाई की जाये। साथ ही पूर्व में की गई शिकायतें की भी जांच हो, अगर ऐसा नहीं हुआ, तो कर्मचारी आन्दोलन करने को मजबूर होंगे। शिकायत की प्रतिलिपि महासंघ द्वारा मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड, शहरी विकास मंत्री, मुख्य सचिव, शहरी विकास सचिव, जिलाधिकारी, जेएम रुड़की एवं अध्यक्ष नगर निगम कर्मचारी महासंघ देहरादून को भी भेजी गई हैं। वहीं इस सम्बन्ध में नगर आयुक्त ने इस प्रकार की किसी शिकायत के मिलने से इंकार किया।