हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने ऐलान किया है कि जो भी संत घर परिवार से रिश्ता रखे हुए हैं या फिर गृहस्थ जीवन जी रहे हैं, उन्हें अब अखाड़े से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि महाराज ने बताया कि संन्यास परंपरा में आने के बाद संत का पुनर्जन्म होता है। संत अपना घर, परिवार और माता-पिता समेत मोहमाया त्याग देते हैं। इसलिए संत बनने के बाद दोबारा गृहस्थ जीवन में लौटना या फिर घर परिवार व अन्य परिवारजनों से रिश्ता रखना संन्यास परपंरा के खिलाफ है। निरंजनी अखाड़े के सभी संतों ने एकमत से ये फैसला किया है। ऐसा करने वाले संतों को अखाडे़ से बाहर किया जाएगा।