वोट कटवा की भूमिका में नजर आ रहे आप प्रत्याशी
हरिद्वार। हरिद्वार शहर सीट पर इस बार भी मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच ही है। आप प्रत्याशी ने इस मुकाबले को और रोचक बना दिया है। हालांकि आप प्रत्याशी वर्तमान समीकरणों को देखते हुए केवल वोट कटाव की भूमिका में ही नजर आ रहे हैं। किन्तु अन्य चुनावों से इस बार का चुनाव काफी रोचक बना हुआ है।
भाजपा के प्रत्याशी मदन कौशिक चार बार से लगातार विधायक हैं। जबकि सतपाल ब्रह्मचारी को मदन कौशिक एक बार चुनाव में शिकस्त दे चुके हैं। इस बार कांग्रेस ने फिर से सतपाल ब्रह्मचारी को मदन के मुकाबले चुनाव मैदान में उतारा है। सतपाल ब्रह्चारी भाजपा को कड़ी टक्कर दे भी रहे हैं।
फिलहाल जनता पूरी तरह से यह तय नहीं कर पायी है कि इस बार विधानसभा किसको भेजना है। जनता अभी ऊहापोह की स्थिति में है। वैसे अंदररूनी तौर पर जनता का रूख सतपाल की ओर नजर आता दिखायी दे रहा है। कारण की लोगों का मानना है की एक बार सतपाल को भी मौका मिलना चाहिए। इतना होने के बाद भी कांग्रेस में बिखराव देखने को मिल रहा है। दिग्गज कांग्रेसी चुनावी समर में भी घरों में कैद हैं। ऐसे में मदन से पार पाना सतपाल के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। इतना ही नहीं कांग्रेस प्रत्याशी अभी तक अपना चुनावी मैनेजमेंट तक पुख्ता तौर पर नहीं बना पाए हैं। जबकि इस मामले में मदन कौशिक सतपाल से कहीं आगे हैं। साथ ही आप की रणनीति भी कांग्रेस प्रत्याशी से बेहतर है।
सूत्र बताते हैं कि सतपाल के गढ़ में रहते हुए उनके अपने ही विरोधी का कार्य कर रहे हैं। जिस कारण से सतपाल ब्रह्मचारी की चुनावी रणनीति अभी तक तैयार नहीं हो पायी है। वहीं जिन मुद्दों शराब, स्मैक, गांजे के हरिद्वार के बढ़ते चलन को लेकर सतपाल ब्रह्मचारी मैदान में उतरे हैं उसमें उनको जनता का समर्थन अवश्य मिलता दिखायी दे रहा है, किन्तु यह समर्थन जीत में बदल जाए यह मतगणना के दिन यानि 10 मार्च को ही स्पष्ट हो पाएगा। बहरहाल सतपाल को चुनाव में जीत का वरण करने के लिए अपने मैनेजमेंट को पुख्ता करने के साथ कोग्रेसियों को एकजुट करना पड़ेगा।

बिगड़े चुनावी मैनेजमेंट के सहारे चुनावी नैया पार करना चाह रहे सतपाल


