हरिद्वार। अप्रैल 2021 में स्वर्गवासी हो चुके एक 75 वर्षीय बुजुर्ग को स्वास्थ्य विभाग ने मरने के एक माह बाद पहली व 9 माह बाद दूसरी डोज का सर्टिफिकेट जारी कर दिया।
मृतक के फोन का प्रयोग मरने के बाद से परिवार के लोग कर रहे हैं। लेकिन उनके फोन पर पहली डोज लगने का कोई मेसेज ही नहीं आया। सीधे विभाग द्वारा दोनों डोज का सर्टिफिकेट ही जारी किया गया। जिसमें पहली एवं दूसरी डोज लगने की पूरी जानकारी दी गई है।
कोरोना से बचाव के लिए लोग वैक्सीन की दोनों डोज लगवा रहे हैं। लेकिन अभी भी बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने पहली व दूसरी डोज नहीं लगवाई है। गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से 9 माह पूर्व स्वर्गवासी हो चुके 75 वर्षीय सतीश कुमार गुप्ता निवासी हरिद्वार के फोन पर मैसेज आया कि उन्हें कोरोना की दूसरी डोज आज लगा दी गई है। विभाग द्वारा बाकायदा उनके पंजीकृत फोन पर कोरोना की दोनों डोज लगने का सर्टिफिकेट भी जारी किया गया। हैरानी की बात यह है कि सतीश की मौत 26 अप्रैल 2021 को हुई थी। जबकि उनको, मौत के 1 महीने बाद यानी 16 मई 2021 को टीका लगाना सर्टिफिकेट में बताया गया था। सतीश की मौत सामान्य हालात में हुई थी और मौत से पहले उन्होंने कोरोना का कोई टीका भी नहीं लगाया था जो उनका डेटा विभाग के पास होता।
मृतक को टीका लगाने का फर्जीवाडा इस ओर इशारा करता है कि वैक्सीनेशन का लक्ष्य किसी भी तरह से पूरा किया जा सके। मृतक सतीश कुमार गुप्ता के बेटे अमित गुप्ता का कहना है की पहली वैक्सीन लगने का उनके फोन पर कोई मेसेज नहीं आया। लेकिन आज सर्टिफिकेट आने के बाद पूरा परिवार हैरान है। सर्टिफिकेट में पहली वैक्सीन लगने की जो तिथि दी गई थी उससे एक माह पहले ही उनके पिता की मौत हो गई थी। ऐसे में सर्टिफिकेट जारी कर विभाग में सिर्फ फर्जीवाड़ा किया जा रहा है, जिसपर अंकुश लगाया जाना चाहिए। सीएमओ डॉ कुमार खगेंद्र का कहना है कि कभी-कभी एक मोबाइल से चार लोगों को लिंक किया जाता है। परिवार के अन्य लोगों के साथ हो सकता है मृतक का डाटा भी लिंक हो गया हो। जिस कारण उन्हें सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया हो। इस बात की जांच करायी जाएगी।

हरिद्वार: मृतक को भी लगा दी कोविड वैक्सीन


