वीडियो : उपद्रवियों के कारण तमाशा बनी तीर्थनगरी, प्रशासन पर भी खड़े हो रहे सवाल

हरिद्वार। तीर्थनगरी में इन दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नंबरों की हूटर लगी तथा हरियाणा नंबर की गाड़ियों में सीलिंग खोलकर अर्धनग्न होकर मदिरा की बोतले हाथ में लेकर हूटर बजाते तथा अश्लील नृत्य करने वालों ने तमाशा बना रखा है। कुछ गाड़ियों के शीशे पर फर्जी सत्ता पार्टी के नाम के पद नाम तक लिखे हैं। एक आध गाड़ी डीजे तक कान फोड़ शोर करते निकल रही है। पुलिस ने ऐसी कई गाड़ियां सीज भी की है।

कान फोड़ बड़े-बड़े डीजे सावन में 10:00 बजे के बाद भी पूरी रात बजते हैं। तीर्थ यात्रियों पर्यटक तथा स्थानीय नागरिकों का जीना हराम हो जाता है। इनमें धार्मिक भावना एक प्रतिशत भी नहीं है। यह यहां पतित पावनी मां गंगा जी के तट पर चरस भांग, शराब तथा सुल्फा पीकर उत्पात मचाते हैं। दो पहिया वाहन साइलेंस निकाल कर दंगा मस्ती कर सड़क चलती हुई युक्तियों से भी निहायत मस्ती करते हैं। उत्तराखंड पुलिस भी इनकी गुंडागर्दी के आगे कुछ नहीं कह पाती है।

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अधिकांश उपद्रवी गाड़ियों के आगे यह प्रशासन पर रौब ग़ालिब करने के लिए सत्ताधारी दल के झंडे बांध लेते हैं। प्रदेश सरकार द्वारा राजनीतिक लाभ के कारणों के कारण इन पर कड़ी कार्रवाई के बजाय इन तथाकथित मदमस्त नशेड़ियों का कावड़ियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाती है। हरिद्वार से दिल्ली तक सड़क किनारे भंडारों में फ्री लजीज भंडारे भी इस तमाशे का एक कारण है। सरकार वोटो की राजनीति के लिए खामोश रहती है।


क्या शहरवासी आयकर जीएसटी रोड टैक्स पानी बिजली के बिल ग्रह कर अदा नहीं करते जो उनकी सुविधा की चिंता छोड़कर इन कावड़ वेश धारी कुछ गुंडो को गुंडागर्दी की छूट दी जाती है। यहां धर्मान्दता तो है ही नहीं कावड़ के नाम पर खुली गुंडागर्दी होती है। परंतु बेचारी पुलिस भी क्या करें “जब सैया भाई कोतवाल डर काहे का”


कावड़ मेले की तैयारी में लगे शासन तंत्र को इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करना बेहद जरूरी है। अन्यथा हरिद्वार की धार्मिकता नष्ट हो जाएगी केंद्र सरकार भी विचार करें मादक पदार्थ डीजे सत्ताधारी दल के झंडों के दुरुपयोग पर कड़ा प्रतिबंध लगाए। वरना कांवड़ में कोई भी गंभीर हादसा हो सकता है।


हरिद्वार के जनप्रतिनिधि की कोई सुन नहीं रहा और वह स्वयं भी इस बवाल से दूर ही रहना चाहते हैं चाहे उनका निर्वाचन क्षेत्र भाड़ में जाए। ताजुब है सनातन के धर्म ध्वजा वाहक विपक्षी पार्टियों कुछ धर्माचार्य सभी मां गंगा की नष्ट होती पवित्रता पर चुप है, क्योंकि वह भू व्यवसाय बन चुके हैं।

डॉ रमेश खन्ना
वरिष्ठ पत्रकार
उत्तराखंड (हरिद्वार)

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