गैंग में कई गुर्गों ने भी बनाए हुए हैं गुर्गें
हरिद्वार। तीर्थनगरी में ब्लैकमेलर कथित पत्रकारों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। अभी तक आश्रम-अखाड़ों में बाबाओं को अपना टारगेट बनाने वाले अब रेहडी-पटरी वालों को भी नहीं छोड़ रहे हैं। इतना ही नहीं किन्नरों से भी अब ये दान लेने में पीछे नहीं हैं। इससे ही इनकी मानसिकता का पता लगाया जा सकता है। किसी के भी घर के बाहर रेत-बजरी पड़ी देखते ही इनके चेहरे खिल उठते हैं। खनन वाले तो इनका पसंदीदा शिकार हैं। ताजा मामला रेहडी-पटरी वालों से उगाही का सामने आया है। जहां एक स्वंय को पत्रकार बताने वाला कथित लुटेरा रेहडी-पटरी वालों व नशे का धंधा करने वालों से हफ्ता उगाही कर रहा है।
सूत्रों की माने तो इनकी एक सरगना है, जो पत्रकार तो नहीं हैं, किन्तु स्वंय को पंजाब के एक चैनल का पत्रकार बताते हुए हफ्ता वसूली करती है। मजेदार बात यह कि इसने भी अपने कुछ गुर्गे पाले हुए हैं, जिनमें से एक पत्रकार बताया गया है। साथ ही एक महिला जो स्वंय को पत्रकार कहती है वह भी इनकी जमात में शामिल है। वैसे ब्लैकमेलर हफ्ता वसूली के लिए स्वंय नहीं जाते अपने गुर्गों को भेजते हैं, किन्तु जब कोई हफ्ता देने से इंकार कर देता है तो बड़ा गुर्गा धमकाने के लिए वहां पहुंच जाता है।

रेहडी पर बैग में छिपाकर रखी गई शराब
सूत्र बताते हैं कि हफ्ता न देने वालों पर कथित गुर्गा यह कहकर दबाव बनाने का कार्य करता है की महिला का भाई पुलिस का एक बड़ा अधिकारी है। जिससे तू जेल जा सकता है। जिस कारण से गरीब व्यक्ति दबाव में आ जाता है और इनका हफ्ता वसूली का काम मजे में चल रहा है। पत्रकारिता की आड़ लेकर ये लुटेरे चोरी छिपे शराब, गांजा आदि बेचने वालों को अपना शिकार बनाने का काम कर रहे हैं। इनके आतंक से आमजन भी परेशान हैं।
सूत्र बताते हैं कि ऐसे लोगों का पर्दाफाश करने के लिए आमजन अब लामबंद होने लगे हैं। वहीं ऐसे ब्लैकमेलरांे के गुरु पूर्णिमा से पूर्व जगह-जगह पोस्टर लगाए जाने की बात भी सामने आयी है। जिससे की पत्रकारिता की आड़ में लोगों को ब्लैकमेल करने और पत्रकारिता को बदनाम करने वालों के काले चेहरे जनता के सामने उजागर हो सकें।