विनोद धीमान
हरिद्वार।लक्सर के ग्रामीण अंचलों में शिक्षा की अलख जगाना आज भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है, लेकिन लक्सर क्षेत्र के बहादरपुर खादर गांव और नगर पंचायत सुल्तानपुर में भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रमोद खारी ने इस दिशा में एक अनुकरणीय पहल करते हुए जरूरतमंद बच्चों के जीवन में आशा की किरण जलाई है। खारी ने बीते एक माह से अपने निजी प्रयासों से निःशुल्क पुस्तक वितरण अभियान चला रखा है, जिसके तहत अब तक 300 बच्चों को अध्ययन सामग्री वितरित की जा चुकी है।
नर्सरी से लेकर इंटरमीडिएट तक के बच्चों को मिली किताबें
प्रमोद खारी द्वारा वितरित की गई किताबों में नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक की पाठ्य सामग्री शामिल है। यह सामग्री उन बच्चों तक पहुंचाई गई जो आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा से वंचित हो सकते थे। इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बच्चा केवल संसाधनों की कमी के चलते पढ़ाई से दूर न रहे।
कार्यक्रम में दिखा उत्साह, बच्चों की आंखों में चमक
हाल ही में बहादरपुर खादर गांव में आयोजित एक पुस्तक वितरण कार्यक्रम में करीब 150 बच्चों को किताबें सौंपी गईं। बच्चों के चेहरों पर किताबें पाकर खुशी और पढ़ाई के प्रति ललक साफ झलक रही थी। कई बच्चे तो किताबें हाथ में लेते ही वहीं पढ़ना शुरू कर दिए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भी भाग लिया और प्रमोद खारी की इस पहल की सराहना की।
“हर बच्चे तक शिक्षा पहुंचे, यही मेरा सपना है” — प्रमोद खारी
इस अवसर पर प्रमोद खारी ने कहा, “यदि किसी गरीब के घर का बच्चा शिक्षा से वंचित रह जाता है तो यह केवल उस परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है। मेरा प्रयास है कि लक्सर क्षेत्र का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाए।” उन्होंने आगे कहा कि यह अभियान तब तक चलता रहेगा जब तक शिक्षा सभी जरूरतमंद बच्चों तक नहीं पहुंच जाती।
पूर्व में भी कर चुके हैं कई जनसेवा कार्य
प्रमोद खारी इससे पूर्व भी कोविड काल में राशन वितरण, चिकित्सा सहायता जैसे कई समाजसेवी कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं। अब शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान विशेष रूप से समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन की ओर इशारा करता है।
अभिभावकों ने जताया आभार
किताबें प्राप्त करने वाले बच्चों के अभिभावकों ने इस पहल के लिए प्रमोद खारी का आभार जताया। एक अभिभावक ने भावुक होते हुए कहा, “अब मेरी बेटी को किताबों की चिंता नहीं है। वह पूरे मन से पढ़ाई कर सकेगी। प्रमोद जी का यह योगदान हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं।”
जमीनी स्तर पर बदलाव की मिसाल
जब एक ओर तकनीक आधारित शिक्षा की चर्चा हो रही है, वहीं दूसरी ओर प्रमोद खारी जैसे नेता ग्रामीण इलाकों में जमीनी स्तर पर बदलाव की बुनियाद रख रहे हैं। उनकी यह पहल न केवल शिक्षा के महत्व को रेखांकित करती है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि सही दिशा में किए गए छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े बदलाव ला सकते हैं।