ढोल-नगाड़ों व आतिशबाजी के साथ छावनी से निकली जमात
हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी के रमता पंचों की जमात आज गंगा पूजन के पश्चात प्रयागराज कुंभ 2025 के लिए रवाना हो गई। जमात के प्रयागराज रवाना होने से पूर्व जमात के श्रीमहंतों, पंचों ने मां गंगा की पूजा अर्चना कर प्रयागराज कुंभ मेला सकुशल संपन्न होने व देश में सुख शांति की कामना की। आतिशबाजी और ढोल नगाड़ों के साथ जमात के संतों को रवाना किया गया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के श्रीमहंत सचिव रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि कुंभ का पर्व समुद्र मंथन काल से चला आ रहा है। उस काल में समुद्र मंथन से अमृत निकला था और अमृत की बूंदे जिन स्थान पर पड़ीं वहां-वहां कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।
उन्होंने कहा कि कुंभ पर्व पृथ्वी लोक में चार स्थानों पर और अंतरिक्ष में आठ स्थानों पर आयोजित होते हैं। प्रतिवर्ष एक कुंभ लेमे का आयोजन होता है। उन्होंने कहा कि कुंभ विचारों का मंथन है। इस पर्व पर देश-दुनिया के साधु संत इकट्ठा होकर अपने विचारों के मंथन से देश और समाज हित में निर्णय लेते हैं। जो समाज, देश व पूरी दुनिया के लिए कल्याणकारी होता है।
उन्होंने बताया कि आज अखाड़े की जमात प्रयागराज कुंभ के लिए हुई है। 2 जनवरी को अखाड़े की पेशवाई के साथ संत छावनी में प्रवेश करेंगे। इस दौरान संत समाज अपने ज्ञान, तप के द्वारा समाज में सार्थक संदेश देने का प्रयास करेंगे। उन्होंने सभी सनातन धर्माम्वलिम्बयों को प्रयागराज कुंभ मेला 2025 में आकर गंगा स्नान करने, संतों के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित करने की सभी से अपील की।
इस अवसर पर श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज, श्रीमहंत कृष्णा गिरि महाराज, श्रीमहंत देवगिरि महाराज, श्रीमहंत कमल पुरी महाराज, श्रीमहंत महेश गिरि महाराज, श्रीमहंत रामेन्द्र पुरी महाराज, श्रीमहंत विश्वनाथ पुरी महाराज, श्रीमहंत शिवनारायण पुरी महाराज, श्रीमहंत अखिलेश भारती, निर्भय गिरि, दिगम्बर भरत गिरि महाराज, दिगम्बर रवि गिरि महाराज, सूर्यमोहन गिरि महाराज, किशन पुरी महाराज आदि अनेक संत, श्रीमहंत मौजूद रहे।