हरिद्वार: शराब दुकान आवंटन मामले में टेंडर खोलने पर हाई कोर्ट की रोक

जिला आबकारी अधिकारी की को कॉल डिटेल उपलब्ध कराने के निर्देश

नैनीताल हाई कोर्ट ने हरिद्वार में शराब की दुकान आवंटन के मामले में सुनवाई करते हुए जिला आबकारी अधिकारी प्रभा शंकर मिश्रा को 26 और 27 सितंबर की काल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) के साथ अपना मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। अदालत ने उस निविदादाता को भी याचिका में पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है, जिसके पक्ष में निविदा स्वीकृत हुई है। साथ ही अगली सुनवाई तक दुकान का टेंडर खोलने पर भी रोक लगा दी है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हरिद्वार की दुकान के बोलीदाता बीना व विजयपाल की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता क्षितिज कौशिक के अनुसार आबकारी विभाग की ओर से एक शराब की दुकान के लिए निविदा 25 सितंबर को जारी की गई। जिसमें 27 को सारी औपचारिकताएं पूरी कर टेंडर जमा करना था। याचिकाकर्ता जिला आबकारी आबकारी कार्यालय पहुंचा तो मिश्रा वहां नहीं थे। शाम पांच बजे के बाद मिश्रा कार्यालय पहुंचे और उन्होंने यह कहते हुए दुकान का आवेदन लेने से मना कर दिया कि अंतिम तिथि अपराह्न दो बजे तक थी।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के अनुसार आबकारी विभाग ने 25 सितंबर को हरिद्वार में लक्सर रोड पर देशी शराब की दुकान के लिए निविदाएं आमंत्रित करने को एक नोटिस जारी किया था। केवल 27 सितंबर तक बोली जमा करने का
समय दिया गया था। आरोप लगाया कि यह नोटिस नियमों के विपरीत है। सामान्यतया दो सप्ताह की समयसीमा होती है।
पक्षकार अपनी बोली जमा करने के लिए पहुंचा तो मिश्रा अपने कार्यालय में नहीं थे। वह बहुत देर से पहुंचे और उसके बाद इस आधार पर बोली अस्वीकार कर दी कि समयसीमा निकल गई है। खंडपीठ ने प्रतिवादियों को दो सप्ताह के भीतर शपथपत्र देने के आदेश देते हुए कहा कि जिला आबकारी अधिकारी की 26 और 27 सितंबर की सीडीआर, जिसमें मोबाइल फोन के साथ उसका स्थान दिखाया गया है, को शपथपत्र के साथ पेश किया जाए। कोर्ट ने आदेश दिया कि अगली तिथि तक संबंधित टेंडर नहीं खोला जाएगा। न्यायालय ने अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता को दो दिन के भीतर उस व्यक्ति का विवरण उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया, जिसे टेंडर दिया गया है।

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