पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वामी विष्णुदेवानंद गिरि महाराज को बताया विलक्षण संत

हरिद्वार। स्वामी चेतनानंद गिरि आश्रम के परमाध्यक्ष श्रीमहंत स्वामी विष्णुदेवानंद गिरि महाराज के तृतीय निर्वाण महोत्सव पर विशाल संत समागम व भण्डारे का आयोजन किया गया। श्रद्धांजलि समारोह की अध्यक्षता महामण्डलेश्वर स्वामी सोमेश्वरानंद गिरि महाराज ने व संचालन स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने किया।


पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहाकि श्री चेतनानंद गिरि आश्रम के महंत ब्रह्मलीन स्वामी विष्णुदेवानंद गिरि महाराज पुण्यात्मा थे। उनके बताए मार्ग का अनुसरण करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। वे विलक्षण संत थे। उन्होंने कहाकि संतों का कार्य समाज को सद्मार्ग दिखाना होता है, जिसका स्वामी विष्णुदेवानंद गिरि महाराज ने बखूबी पालन किया। उन्होंने निरंतर सनातन धर्म को मजबूत करने के लिए कार्य किया।

श्रद्धांजलि सभा को अध्यक्ष पद से सम्बोधित करते हुए स्वामी सोमेश्वरानंद गिरि महाराज ने कहाकि ब्रह्मलीन स्वामी विष्णुदेवानंद गिरि महाराज तप व त्याग की प्रतिमूर्ति थे। कहाकि यह उनके तप बल का ही परिणाम है कि आज उनके द्वारा पढ़ाए गए अनेकानेक शिष्य बड़े-बड़े पदों पर सुशोभित हैं। वे विलक्षण प्रतिभा के धनी संत थे। उन्होंने अपना जीवन शिक्षा दान व भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में ही समर्पित कर दिया।


महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहाकि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। ऐसे ही निर्मल जल के समान स्वामी विष्णुदेवानंद गिरि महाराज थे। उन्होंने कहाकि यह महाराजश्री के तप का ही प्रताप है की उनके पट्शिष्य महंत स्वामी रामानंद गिरि महाराज व स्वामी कृष्णानंद गिरि महाराज आश्रम की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करते हुए निरंतर वृद्धि कर समाज कल्याण में समर्पण भाव से जुड़े हुए हैं।


श्रद्धांजलि सभा में आए सभी संतों का आभार व्यक्त करते हुए महंत स्वामी रामानंद गिरि महाराज व स्वामी कृष्णानंद गिरि महाराज ने कहा कि सेवा का मार्ग उन्हंें उनके गुरुदेव ने दिखाया था उसका वह पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करेंगे। उन्होंने कहा कि संतों की सेवा करते हुए धर्म और संस्कृति का प्रचार प्रसार करना ही उनके जीवन का मुख्य लक्ष्य होगा।
इससे पूर्व प्रातः रूद्राभिषेक व गुरु मूर्तियों को पूजन किया गया। साथ ही सप्ताह भर से चल रही श्रीमद् भागवत कथा की पूर्णाहुति की गई। इस अवसर पर आश्रम के परमाध्यक्ष महंत स्वामी रामानंद गिरि महाराज व स्वामी कृष्णानंद गिरि महाराज ने त्रिवेन्द्र सिंह रावत का शॉल ओढ़ाकर व माला पहनाकर स्वागत किया।


इस अवसर पर महामण्डलेश्वर स्वामी ईश्वरानंद गिरि महाराज, म.म. स्वामी रामेश्वरांनद सरस्वती, म.म. स्वामी गिरधर गिरि, म.म. स्वामी आनन्द चेतन, म.म. स्वामी शिवप्रेमानंद, स्वामी अनंतानंद, श्री पंचायती अखाड़े के पंच परमेश्वर, सचिव श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज, आचार्य हरिहरानंद, महंत योगेन्द्रानंद शास्त्री समेत दिल्ली, हरियाणा व कई प्रांतों से आए श्रद्धालु मौजूद रहे।

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