मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर की मेयरपति का हस्तक्षेप बंद करवाने की मांग

हरिद्वार। नगर निगम के कार्यों में निरन्तर बाधा डालने, पार्षदों, अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ अभद्रता कर नगर निगम का माहौल खराब करने वाले मेयरपति अशोक शर्मा के खिलाफ भाजपा पार्षदों ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर कार्रवाई की मांग की है।


भाजपा पार्षद दल के नेता सुनील अग्रवाल गुड्डू व हितेश चौधरी ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि नगर निगम, हरिद्वार की 26 नवम्बर 22 को आयोजित बोर्ड बैठक में प्रेम प्रकाश आश्रम द्वारा एक पार्क निर्माण के प्रस्ताव को स्वीकृत किया गया था जिसमें पार्क का स्वामित्व नगर निगम, हरिद्वार का रहेगा तथा प्रेम प्रकाश आश्रम पार्क का निर्माण कर उक्त पार्क को नगर निगम, हरिद्वार को ही संचालन के लिए सौंपेगा। कुछ समय पूर्व, महापौर पति तथा अन्य व्यक्तियों द्वारा उक्त स्थान पर तोड़फोड़ की गई तथा हंगामा किया गया। उक्त स्थान पर प्रेम प्रकाश आश्रम द्वारा सौन्दर्यीकरण से सम्बन्धित कार्य का प्रस्ताव निगम को उपलब्ध कराया गया था, जिस पर बोर्ड द्वारा बहुमत से सहमति प्रदान की गयी थी। महापौर पति को उक्त कृत्य से बोर्ड के साथ-साथ प्रदेश सरकार की भी अवमानना हुई है।


पार्षद सपना शर्मा, मोनिका सैनी, निशा नौडियाल व सुनीता शर्मा ने कहा कि भारत सरकार की एनयूएलएम के अन्तर्गत नगर निगम, हरिद्वार द्वारा स्वयं सहायता समूह को रोजगार दिये जाने के दृष्टिगत मन्दिरों में चढ़ने वाले प्रसाद से धूप बनाने का कार्य आवंटित किया गया है। स्वयं सहायता समूह को निगम हित में कार्य किये जाने हेतु निगम का कमरा आवंटित किया गया है, जिसमें समूह द्वारा उक्त कार्य किया जा रहा है। 01 मई 23 को श्रीमती अनिता शर्मा, महापौर, हरिद्वार व उनके पति अशोक शर्मा बिना सूचना अथवा नोटिस दिये समूह संचालिका को सम्पत्ति खाली कराने हेतु वहां धमकाने पहुंच गये। यही नहीं वहां महापौर पति अशोक शर्मा द्वारा स्वयं सहायता समूह की अध्यक्षा किरण भटनागर के साथ अभद्रता की गयी। जबकि बातचीत करने का अधिकार महापौर का है, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ है।


भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी, पार्षद हितेश चौधरी, नागेन्द्र राणा ने कहा कि महापौर पति अशोक शर्मा जो निगम में किसी भी पद पर आसीन नहीं है उनके द्वारा समय-समय पर निगम द्वारा किये जा रहे कार्यों में हस्तक्षेप किया जाता है, जिस कारण पूर्व में निगम के समस्त कर्मचारियों द्वारा महापौर का घेराव भी किया गया था परन्तु उक्त के बावजूद भी महापौर पति द्वारा समय-समय पर निगम कार्यालय में आकर कर्मचारियों से अभद्रता करना, पार्षदों के साथ अपमानजक व्यवहार करने के चलते निगम की छवि धूमिल हो रही है। महापौर कार्यालय को महापौर पति ने कांग्रेस कार्यालय बना दिया है। वह वहां कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं के साथ नियमित रूप से उपस्थित रहते हैं तथा निगम सम्बन्धी पत्रावालियों पर महापौर के हस्ताक्षर कराने में अड़चन पैदा करते हैं।
सिटी मजिस्टेªट को ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से पिंकी चौधरी, विनित जौली, सुनीता शर्मा, अनिल वशिष्ठ, योगेन्द्र सैनी, विवेक उनियाल, ललित रावत, अनुज सिंह, सुनील पाण्डेय, सपना शर्मा, मोनिका सैनी, निशा नौडियाल, लोकेश पाल, आशा सारस्वत, नेपाल सिंह, नागेन्द्र राणा, शुभम मंडोला, प्रशांत सैनी, नितिन शर्मा माणा, विकास कुमार, मनोज परालिया, अन्नू मेहता, हितेश चौधरी, विमला देवी, योगेन्द्र अग्रवाल, सुरेन्द्र मिश्रा, कमल बृजवासी, किशन बजाज, निशिकांत शुक्ला, रेणु अरोड़ा, आदि शामिल रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *