हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि व उनके शिष्य आनन्द गिरि के बीच उपजे विवाद के कई कारण है। बाघम्बरी मठ की ज मीन तो एक बड़ा कारण है ही साथ ही अन्य ऐसे कारण हैं जिसको लेकर गुरु-चेले के बीच तलवारें खींच चुकी है। इनमें से एक विवाद की बड़ी वजह मठ बाघंबरी गद्दी की जमीन पर आनंद गिरि के नाम से पेट्रोल पंप खोलने की तैयारी भी बताया जा रहा है। बताते हैं कि श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि की आनंद गिरि के नाम से पेट्रोल पंप खोलने की योजना थी। उनके नाम से ही 12 सौ वर्ग गज भूमि का एग्रीमेंट किया गया था और एनओसी भी मिल गई थी। किन्हीं कारणों से पेट्रोल पंप को निरस्त करा दिया गया। इसके साथ ही
आस्ट्रेलिया में महिला को लेकर फंसे आनंद गिरि को छुड़ाने के लिए आनन्द गिरि के आरोपों के मुताबिक चार करोड़ रुपए की वसूली भी एक बड़ी वजह रही।
हालांकि दावा यह भी किया जा रहा है कि बाघम्बरी मठ की एक इंच जमीन भी नहीं बेची गयी है, किन्तु सत्यता सभी के सामने है।
वहीं एक संत ने बताया कि जब आनन्द गिरि को परिवार से संबंध रखने का आरोप लगाते हुए उसे अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है तो संन्यासी के लिए व्यापार करना भी निषेध है। ऐसे में गुरु ही जब चेले को व्यापार करने की सलाह दे तो गुरु के खिलाफ भी संन्यास परम्परा के विपरीत जाने की कोशिश के लिए भी कार्यवाही की जानी चाहिए।

पेट्रोल पंप खुलवाने को लेकर भी हुई थी गुरु-चेले में रार


