नैनीताल। हाईकोर्ट ने संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार के रजिस्ट्रार की नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए रजिस्ट्रार को नोटिस जारी किया है। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 9 मई को निर्धारित की है।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ के समक्ष यह मामला प्रस्तुत हुआ। जनहित याचिका लोकसभा से सेवानिवृत्त सुरेश चंद्र द्वारा दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि वर्तमान रजिस्ट्रार ने तथ्यों को छिपाकर नियुक्ति प्राप्त की और अपने पद का दुरुपयोग कर संस्थान को नुकसान पहुंचाया।
याचिकाकर्ता के अनुसार, रजिस्ट्रार पूर्व में जीबी इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी पौड़ी में तैनात थे। वहां पर रजिस्ट्रार के तौर पर इनकी योग्यता को हाईकोर्ट ने एक अन्य मामले में निरस्त कर दिया था, जिसके बाद इनको सहायक रजिस्ट्रार के पद पर वापस भेज दिया गया। इसके बावजूद इन्होंने तथ्य को छिपाकर स्वयं को पौड़ी में रजिस्ट्रार के रूप में कार्यरत रहा दिखाकर संस्कृत विवि हरिद्वार में रजिस्ट्रार के पद नियुक्ति प्राप्त कर ली, जबकि यह पूर्व पद में भी रजिस्ट्रार के पद पर नहीं थे।
संस्कृत विवि में रजिस्ट्रार रहते हुए इनके विरूद्ध हुई शिकायतों की जांच डॉ. आरएस सौढी से करवाई गई, जिन्होंने जांच रिपोर्ट एक बंद लिफाफे में संस्कृत विवि कार्य परिषद को सौंपी, लेकिन विवि कार्य परिषद ने जांच रिपोर्ट के लिफाफे को ना खोलने का निर्णय लिया और एक तीन सदसीय जांच कमेटी बना दी, जिसने उन्हें क्लीन चिट दे दी। याचिका में कहा कि यह सब इनके दबाव में किया गया है।