विनय त्यागी हत्याकांड़ की एसआईटी करेगी जांच, खुलेगा 750 करोड़ का राज

हरिद्वार। गैंगस्टर विनय त्यागी पर लक्सर में हुए गोलीकांड की निष्पक्ष जांच के लिए एसएसपी हरिद्वार ने एसआईटी का गठन किया है। सिटी सर्किल ऑफिसर के नेतृत्व में गठित एसआईटी हर एंगल से जांच करेगी। 24 दिसंबर को विनय त्यागी फायरिंग में घायल हो गया था। जबकि 27 दिसंबर को एम्स ऋषिकेश में विनय की उपचार के दौरान मौत हो गई थी।


हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने लक्सर फायरिंग घटना की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया है। सिटी सर्किल ऑफिसर (हरिद्वार) के नेतृत्व में बनी यह एसआईटी दिनदहाड़े हुई गोलीबारी की घटना की सभी एंगल से गहन जांच करेगी।


जांच की जिम्मेदारी सिटी सर्किल ऑफिसर (हरिद्वार) शिशुपाल सिंह नेगी को सौंपी गई है। उनके नेतृत्व में एसआईटी घटना से संबंधित सभी तथ्यों, सबूतों और परिस्थितियों की बारीकी से जांच करेगी और तय समय के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपेगी। टीम में बहादराबाद थानाध्यक्ष एसआई अंकुश शर्मा, लक्सर कोतवाली एसआई विपिन कुमार, लक्सर कोतवाली हेड कॉन्स्टेबल विनोद कुंडलिया, रुड़की सीआईयू यूनिट कॉन्स्टेबल महिपाल को शामिल किया गया है।
एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल का कहना है कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी रखी जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की शंका का समाधान हो सके और सच्चाई सामने आए। मृतक विनय त्यागी के परिजन भी मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। एसएसपी का कहना है कि एसआईटी का गठन जनविश्वास बनाए रखने और पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच के उद्देश्य से किया गया है। जांच के दौरान यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही या दोष सामने आता है तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


घटना के मुताबिक, 24 दिसंबर को हरिद्वार पुलिस मोस्ट वांटेड अपराधी विनय त्यागी को किसी मामले को लेकर रुड़की जेल से लक्सर कोर्ट पेशी के लिए लेकर जा रही थी। लक्सर फ्लाईओवर पर बाइक सवार दो बदमाशों ने पुलिस सुरक्षा के बीच पुलिस की गाड़ी में फायरिंग करते हुए विनय त्यागी को गोलियां मारी थी। घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश बाइक से फरार हो गए थे।


हालांकि, पुलिस ने घेराबंदी करते हुए 25 दिसंबर को फरार दोनों आरोपियों को खानपुर थाना क्षेत्र के गांव सिकंदरपुर के जंगल, बिजनौर हाईवे से गिरफ्तार किया। पुलिस ने दोनों आरोपियों की पहचान मुख्य आरोपी 28 वर्षीय सन्नी यादव उर्फ शेरा और 24 वर्षीय अजय पुत्र कुंवर सैन दोनों निवासी काशीपुर, उधम सिंह नगर के रूप में की है। पुलिस के मुताबिक, दोनों अपराधी हार्डकोर क्रिमिनल हैं और कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इसके बाद 27 दिसंबर की सुबह एम्स ऋषिकेश में भर्ती विनय त्यागी की उपचार के दौरान मौत हो गई। विनय त्यागी के सीने, हाथ और गले में गोलियां लगी थी।


पुलिस पूछताछ में सामने आया था कि रुपयों के लेन-देन को लेकर सन्नी की विनय त्यागी से रंजिश थी और रंजिश के चलते ही उसने अजय के साथ मिलकर विनय त्यागी को गोली मार दी थी। वहीं विनय त्यागी के परिजनों को पुलिस की कहानी पर यकीन नहीं है। ऋषिकेश में परिजनों ने ईडी और 750 करोड़ रुपए की ब्लैक मनी को हत्या का कारण बताया था। उसके बाद त्यागी समाज से जुड़े संगठनों ने भी मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी।

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