श्रावण मास भोले बाबा को अत्यंत प्रिय है। इस माह में शिव अर्चना करने से व्यक्ति को समृद्धि व अंत काल में शिवलोक की सहज ही प्राप्ति हो जाती है। उक्त उद्गार देहरादून स्थित श्री जंगम शिवालय के श्री महंत कृष्णा गिरी महाराज ने भगवान शिव के श्रावण मास में विशेष श्रृंगार व रुद्राभिषेक के अवसर पर भक्तों को आशीर्वचन देते हुए कहे।
उन्होंने कहा कि भगवान शिव बड़े ही दयालु हैं। वह भक्त की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं होती, केवल एक लोटा जल मात्र से ही भगवान भक्त की मनोकामनाओं को पूर्ण कर देते हैं। जो भक्त श्रद्धा भाव और विशेष सामग्री से शिव का अर्चन करते हैं उनको परम वैभव की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को श्रावण मास में जलाभिषेक करना चाहिए। जिस प्रकार से जल चढ़ाने पर जल शिवलिंग से नीचे की ओर बहता है वैसे ही व्यक्ति के कष्ट और पापों का क्षय हो जाता है।
कृष्णा गिरी महाराज ने कहा कि श्रावण मास में भगवान शंकर की पूजा का विशेष महत्व है। सोमवार भोले बाबा का प्रिय दिन माना जाता है। इसलिए श्रावण मास के सोमवार का महत्व और भी बढ़ जाता है। श्रावण मास में भगवान भोले शंकर को दूध, दही, घी, मक्खन, गंगाजल, विल्ब पत्र, आक, धतूरा आदि चढ़ाना चाहिए, क्योंकि इस माह में भगवान भोले नाथ की सच्चे मन से आराधना की जाए, तो उसे मनवांछित फल प्राप्त होता है। इस माह में लघुरुद्र, महारुद्र या अतिरुद्र पाठ करने वाला शिवलोक को प्राप्त होता है।