हरिद्वार। अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के सचिव महंत रामशरण दास महाराज ने कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी पहुंचकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज का शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया और राजस्थान के अनादरा में स्थित उनके आश्रम पर अवैध रूप से कब्जा धारकों द्वारा किए गए कब्जे को मुक्त कराने हेतु अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज को ज्ञापन सौंपकर राजस्थान सरकार द्वारा इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की।
ज्ञापन में महंत रामशरण दास महाराज ने कहा कि राजस्थान के अनादरा में उनका करोड़ी ध्वज मंदिर ट्रस्ट आश्रम है। जिसकी कुछ भूमि पर पास के ही कुछ हिस्ट्रीशीटर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। विरोध करने पर वह उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष से मांग की है कि इस पूरे मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस मामले में कार्रवाई की मांग करें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कराई जाए।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि जल्द ही इस मामले को लेकर सीएम अशोक गहलोत से बात की जाएगी और अवैध कब्जा धारकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए आश्रम और मंदिर की भूमि को कब्जे से मुक्त कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि संपूर्ण भारत वर्ष में अनेक ऐसी धार्मिक संपत्तियां है। जिन पर असामाजिक तत्वों की नजर गड़ी रहती है और वह इस तलाश में रहते हैं कि किसी ना किसी रूप में मंदिर अथवा आश्रम की संपत्ति को कब्जा कर उसे बेचा जाए। राज्यों एवं केंद्र सरकार को मठ मंदिर आश्रम अखाड़ों की सुरक्षा हेतु एक कठोर कानून बनाना चाहिए। ताकि किसी भी धार्मिक संपत्ति पर कोई भी अवैध रूप से कब्जा ना कर सके। धार्मिक संपत्तियों को लेकर पहले भी कई संतों की हत्याएं हो चुकी हैं, लेकिन अब संत समाज इसको लेकर कड़ा रुख अपनाएगा और संपूर्ण भारत वर्ष के मठ मंदिर आश्रम अखाड़ों की सुरक्षा हेतु एक प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार से कानून बनाने की मांग की जाएगी।
श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि कई बार संत के भेष में असामाजिक तत्व भगवा रूप धारण कर आश्रम अखाड़ो की संपत्ति कब्जाने के लिए आतुर रहते हैं, लेकिन ऐसे कालनेमियों के खिलाफ पुलिस व प्रशासन को सख्त से सख्त कार्रवाई कर कठोर सजा देनी चाहिए। ताकि धर्म पर कुठाराघात ना हो सके और धार्मिक संपत्तियों का बचाव हो। इस दौरान महंत गोविंद दास, महंत रघुवीर दास, महंत बिहारी शरण, महंत अंकित शरण, महंत अमनदीप सिंह, महंत दर्शन सिंह शास्त्री, महंत बीरेंद्र सिंह, महंत निर्भय सिंह, संत हरवेन्द्र सिंह, महंत सूर्यमोहन गिरी, महंत कृष्णापुरी उपस्थित रहे।