हरिद्वार। आगामी 13 अप्रैल से हिंदू नववर्ष प्रारंभ हो रहा है। यह विक्रम संवत 2078 होगा। इस संवत का नाम राक्षस होगा। इस संवत का राजा भी मंगल तथा मंत्री भी मंगल होगा। नव संवत्सर के संबंध में जानकारी देते हुए भारतीय प्राच विद्या सोसाइटी कनखल के संस्थापक ज्योतिषाचार्य पं. प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि इस संवत का मुख्य फल ये होगा की इस काल में महंगाई, युद्ध, भय, पीड़ा, प्राकृतिक प्रकोप से पूरी दुनिया प्रभावित होगी। राजा व मंत्री मंगल होने की कारण युद्ध का वातावरण उत्पन्न होगा। सामान्यजन परेशान होगा। इसी के साथ इस संवत में चोर उत्पात करेंगे। राजनेताओं में बहुत रस्साकसी होगी। इस संवत में वर्षा होगी तथा अन्न भी पैदा होगा। संवत्सर का नाम राक्षस होने के कारण साधारण जन भी राक्षस जैसा व्यवहार करेंगे। इस वर्ष 8 सितंबर से 20 सितंबर तक का पक्ष 13 दिनों का होगा जो की महाभारत काल में पड़ा था। इसमें प्राकृतिक आपदा होगी। 2 जून से 20 जुलाई तक शनि, मंगल आमने सामने होंगे। इसमें संसद में बहुत हंगामा होगा। इस वर्ष शनि की साढ़े साती मकर, कुंभ, धनु पर रहेगी। इस वर्ष 4 ग्रहण होंगे, जिसमे तीन ग्रहण भारत में दिखाई देंगे। इस वर्ष में 75के लगभग विवाह के योग बनेंगे। इस संवत में 28 अमृत सिद्धि योग होंगे। इस पूरे संवत में सभी राशि वालांे को हनुमान चालीसा का पाठ, हनुमान पूजा बहुत फलदाई होगी।

नवसंवत्सरः जानिए कैसा होगा ग्रहों के हिसाब से वर्षफल


