शराब कांड़ः नेता के साथ संत भी गिरा रहे देवभूमि की गरिमा!

आश्रम में शराब मिलने पर अखाड़ा परिषद की चुप्पी संदेहास्पद
हरिद्वार।
हरिद्वार जिसे देवभूमि भी कहा जाता है। जिसकी पहचान मां गंगा के साथ यहां के आश्रम और अखाड़ों से है। वहीं हरिद्वार की पहचान कहे जाने वाले आश्रम और अखाड़े अब देवभूमि की गरिमा को कलंकित करने का काम करने लगे हैं। एक तो अधिकांश संत भजन, ध्यान आदि छोड़कर दो के चार करने में लगे हुए हैं वहीं दो दिन पूर्व गौ कर्ण धाम आश्रम में शराब का जखीरा बरामद होने से देवभूमि की छवि के साथ संतों की छवि को धूमिल करने का काम किया है। बड़ी बात यह कि आश्रम-अखाड़ों में जहां परिंदा भी आश्रम के स्वामी की इजाजत के बगैर पंख नहीं मार सकता वहां शराब की भारी मात्रा में बरामदगी संतों की संलिप्तता की ओर इशारा करती है। भले ही शराब का जखीरा एक राजनैतिक दल के व्यक्ति का रहा हो, किन्तु आश्रम में शराब का मिलना कई सवाल खड़े करता है।
बता दें कि यह वहीं अखाड़ा परिषद है जिसके अध्यक्ष और महामंत्री रहते हुए श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि और श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने कुछ संतों को फर्जी बताते हुए उन्हें निष्कासित कर दिया था, जबकि कुछ संतों के निष्कासित किए जाने के पीछे भूमि विवाद मुख्य वजह थी। अब जूना अखाड़े से जुड़े आश्रम में शराब की खेम मिलने के बाद अखाड़ा परिषद के एक खेम ने चुप्पी साधी हुई है। जबकि कुछ संतों का मानना है कि ऐसे अपराध के लिए तत्काल अखाड़ा परिषद को संत समाज से आश्रम के संतों को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए था, किन्तु संतांे और तीर्थनगरी की मर्यादा को कलंकित करने के लिए प्रश्रय देने पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जो स्वंय को धर्म का रक्षक बताने वालों के ऊपर सवालिया निशान खड़े करता है। इतना ही नहीं हरिद्वार मद्य-मांस निषेध क्षेत्र घोषित है। ऐसे में आश्रम में शराब मिलना देवभूमि को कलंकित करने वाला कृत्य है।

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