गठिया रोग से ग्रसित हैं तो अपनाएं ये घरेलू उपचार, पाएं लाभ

आज कल हमारी दिनचर्या हमारे खानपान से गठिया का रोग 45 -50 वर्ष के बाद बहुत से लोगो में पाया जा रहा है । गठिया में हमारे शरीर के जोडों में दर्द होता है, गठिया के पीछे यूरिक एसीड की बड़ी भूमिका रहती है। इसमें हमारे शरीर मे यूरिक एसीड की मात्रा बढ जाती है। यूरिक एसीड के कण घुटनों व अन्य जोडों में जमा हो जाते हैं। जोडों में दर्द से रोगी का बुरा हाल रहता है। इस रोग में रात को जोडों का दर्द बढता है और सुबह अकडन मेहसूस होती है। इसकी पहचान होने पर इसका जल्दी ही इलाज करना चाहिए अन्यथा जोडों को बड़ा नुकसान हो सकता है।हम यहाँ पर गठिया के अचूक घरेलू उपाय बता रहे है

दो बडे चम्मच शहद और एक छोटा चम्मच दालचीनी का पावडर सुबह और शाम एक गिलास मामूली गर्म जल से लें। एक शोध में कहा है कि चिकित्सकों ने नाश्ते से पूर्व एक बडा चम्मच शहद और आधा छोटा चम्मच दालचीनी के पावडर का मिश्रण गरम पानी के साथ दिया। इस प्रयोग से केवल एक हफ्ते में ३० प्रतिशत रोगी गठिया के दर्द से मुक्त हो गये। एक महीने के प्रयोग से जो रोगी गठिया की वजह से चलने फिरने में असमर्थ हो गये थे वे भी चलने फिरने लायक हो गये।
लहसुन की 10 कलियों को 100 ग्राम पानी एवं 100 ग्राम दूध में मिलाकर पकाकर उसे पीने से दर्द में शीघ्र ही लाभ होता है।
सुबह के समय सूर्य नमस्कार और प्राणायाम करने से भी जोड़ों के दर्द से स्थाई रूप से छुटकारा मिलता है।
एक चम्मच मैथी बीज रात भर साफ पानी में गलने दें। सुबह पानी निकाल दें और मैथी के बीज अच्छी तरह चबाकर खाएं।मैथी बीज की गर्म तासीर मानी गयी है। यह गुण जोड़ों के दर्द दूर करने में मदद करता है।
गठिया के रोगी 4-6 लीटर पानी पीने की आदत डालें। इससे ज्यादा पेशाब होगा और अधिक से अधिक विजातीय पदार्थ और यूरिक एसीड बाहर निकलते रहेंगे।
एक बड़ा चम्मच सरसों के तेल में लहसुन की 3-4 कुली पीसकर डाल दें, इसे इतना गरम करें कि लहसुन भली प्रकार पक जाए, फिर इसे आच से उतारकर मामूली गरम हालत में इससे जोड़ों की मालिश करने से दर्द में तुरंत राहत मिल जाती है।
प्रतिदिन नारियल की गिरी के सेवन से भी जोड़ो को ताकत मिलती है।
आलू का रस 100 ग्राम प्रतिदिन भोजन के पूर्व लेना बहुत हितकर है।
प्रातः खाली पेट एक लहसन कली, दही के साथ दो महीने तक लगातार लेने से जोड़ो के दर्द में आशातीत लाभ प्राप्त होता है।
250 ग्राम दूध एवं उतने ही पानी में दो लहसुन की कलियाँ, 1-1 चम्मच सोंठ और हरड़ तथा 1-1 दालचीनी और छोटी इलायची डालकर उसे अच्छी तरह से धीमी आँच में पकायें। पानी जल जाने पर उस दूध को पीयें, शीघ्र लाभ प्राप्त होगा ।
संतरे के रस में १15 ग्राम कार्ड लिवर आईल मिलाकर सोने से पूर्व लेने से गठिया में बहुत लाभ मिलता है।
अमरूद की 4-5 नई कोमल पत्तियों को पीसकर उसमें थोड़ा सा काला नमक मिलाकर रोजाना खाने से से जोड़ो के दर्द में काफी राहत मिलती है।
काली मिर्च को तिल के तेल में जलने तक गर्म करें। उसके बाद ठंडा होने पर उस तेल को मांसपेशियों पर लगाएं, दर्द में तुरंत आराम मिलेगा।
दो तीन दिन के अंतर से खाली पेट अरण्डी का 10 ग्राम तेल पियें। इस दौरान चाय-कॉफी कुछ भी न लें जल्दी ही फायदा होगा।
दर्द वाले स्थान पर अरण्डी का तेल लगाकर, उबाले हुए बेल के पत्तों को गर्म-गर्म बाँधे इससे भी तुरंत लाभ मिलता है।
गाजर को पीस कर इसमें थोड़ा सा नीम्बू का रस मिलाकर रोजाना सेवन करें । यह जोड़ो के लिगामेंट्स का पोषण कर दर्द से राहत दिलाता है।
हर सिंगार के ताजे 4-5 पत्ती को पानी के साथ पीस ले, इसका सुबह-शाम सेवन करें , अति शीघ्र स्थाई लाभ प्राप्त होगा ।
गठिया रोगी को अपनी क्षमतानुसार हल्का व्यायाम अवश्य ही करना चाहिए क्योंकि इनके लिये अधिक परिश्रम करना या अधिक बैठे रहना दोनों ही नुकसान दायक हैं।
100 ग्राम लहसुन की कलियां लें। इसे सैंधा नमक, जीरा, हींग, पीपल, काली मिर्च व सौंठ 5-5 ग्राम के साथ पीस कर मिला लें। फिर इसे अरंड के तेल में भून कर शीशी में भर लें। इसे एक चम्मच पानी के साथ दिन में दो बार लेने से गठिया में आशातीत लाभ होता है।
जेतुन के तैल से मालिश करने से भी गठिया में बहुत लाभ मिलता है।
सौंठ का एक चम्मच पावडर का नित्य सेवन गठिया में बहुत लाभप्रद है।
गठिया रोग में हरी साग सब्जी का इस्तेमाल बेहद फायदेमंद रहता है। पत्तेदार सब्जियो का रस भी बहुत लाभदायक रहता है।
गठिया के उपचार में भी जामुन बहुत उपयोगी है। इसकी छाल को खूब उबालकर इसका लेप घुटनों पर लगाने से गठिया में आराम मिलता है।

Vaid Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy Kankhal Hardwar aapdeepak-hdr@gmail-com
9897902760

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