ऐसा हुआ तो बड़ा विस्फोट होने की पूरी संभावना
हरिद्वार। बाघम्बरी गद्दी के हाथ से चले जाने की टीस कुछ सतों के मन से जाने का नाम नहीं ले रही है। जिसके चलते मढ़ी मुलतानी पर अब तालाबंदी करने की योजना पर कार्य चल रहा है। कुछ दिनों में मढ़ी मुतलानी पर ताले लटका दिए जा सकते हैं।
अखाड़े के विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक प्रयागराज स्थित बाघम्बरी गद्दी व राजस्थान के जिला डंगरपुर स्थित खिरम गांव में बना मठ श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी की सम्पत्ति है। जबकि श्रीमहंत हरगोविन्द पुरी व नरेन्द्र गिरि ने मिलकर दोनों स्थानों पर कब्जा कर लिया था। अब जबकि नरेन्द्र गिरि की मौत के बाद अखाड़े को उम्मीद जगी थी कि अब बाघम्बरी पुनः अखाड़े के आधिपत्य में आ जाएगी, किन्तु वसीयत सामने आने और दवाब के कारण अखाड़े के पदाधिकारियों के अरमानों पर पानी फिर गया। जिस कारण से हाथ में आते-आते बाघम्बरी एक बार फिर से फिसल गयी। अखाड़ा सूत्र बताते हैं अब गुरु-चेलों को घेरने के लिए श्रीमहंत हरगोविन्द पुरी की मढ़ी मुतलानी पर तलाबंदी करने की योजना पर काम किया जा रहा है, जिससे इनको पैदल किया जा सके। वहीं सूत्र बताते हैं कि इस मामले की भनक लगते ही हरगोविन्द पुरी महाराज ने भी पूरी तैयारी कर ली है। तालाबंदी होने के साथ ही वे भी बड़ा विस्फोट करने की तैयारी में हैं। यदि ऐसा होता है तो अखाड़े में बड़ी हलचल होना तय है। उधर वर्ष 2007 में अखाड़े के श्रीमहंत त्रयंबक भारती द्वारा एसएसपी को दिया गया पत्र भी सामने आ जाने से अखाड़े की फजीहत होना तय है। कारण की जो पत्र श्रीमहंत त्रयंबक भारती ने अखाड़े में महंताई का चार्ज संभालने के पांच माह बाद एसएसपी को दिया था उसमें अखाड़े के दो महंतों पर बेहद संगीन आरोप लगाए हैं। उस पर कार्यवाही होने पर भी अखाड़े के महंतों की मुश्किलें बढ़ने के साथ फजीहत होना भी तय है। अब समय ही बताएगा की मढ़ी मुतलानी पर तालाबंदी होती है या फिर हरगोविन्द पुरी कोई तीर अपने तरकस से निकालते हैं या फिर श्री मंहत त्रयंबक भारती के वर्ष 2007 के पत्र की जांच की मांग पुनः की जाती है। बहरहाल सभी परिस्थितियों में अखाड़े की छिछालेदार होना तय है।

भगवे की माया, मढ़ी मुलतानी पर तालाबंदी की तैयारी!


