भोजन माताओं ने उठाई आवाज, तहसील में दिया धरना

मानदेय बढ़ाने, बीमा और पेंशन की मांग को लेकर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

विनोद धीमान
हरिद्वार।
लक्सर क्षेत्र की सैकड़ों भोजन माताएं मंगलवार को अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर लक्सर तहसील परिसर में जुटीं। उन्होंने राष्ट्रीय मध्याह्न भोजन रसोइया एकता मंच (ट्रस्ट) के बैनर तले जोरदार धरना प्रदर्शन किया और सरकार से जीने लायक वेतन, सुरक्षा और सम्मान की मांग की। प्रदर्शन के बाद प्रतिनिधिमंडल ने उपजिलाधिकारी (एसडीएम) सौरभ असवाल को ज्ञापन सौंपा।


धरने का नेतृत्व मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष काजल कटारिया ने किया। उन्होंने कहा कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत भोजन माताओं को मात्र 3000 मासिक मानदेय दिया जा रहा है, जो मौजूदा महंगाई के दौर में अत्यंत दुर्लभ है। कटारिया ने आरोप लगाया कि रसोइयों से भोजन पकाने के अलावा झाड़ू लगवाना, टॉयलेट साफ करवाना और घास कटवाने जैसे अमानवीय कार्य भी कराए जा रहे हैं।

ये रखीं प्रमुख मांगें
धरने में शामिल रसोइयों ने मानदेय 15000 प्रति माह किए जाने, कार्यस्थल पर दुर्घटना की स्थिति में 5 लाख के बीमा और निरूशुल्क इलाज की सुविधा, जून की छुट्टियों में भुगतान, निष्कासित रसोइयों की बहाली, 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन, और राजनीतिक या सामाजिक दबाव में हटाने पर रोक लगाने जैसी मांगें रखीं।


अंत में काजल कटारिया ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इन मांगों पर शीघ्र कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया तो राज्य स्तर पर उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भोजन माताएं सिर्फ स्कूलों में खाना नहीं बनातीं, बल्कि देश का भविष्य गढ़ने का कार्य कर रही हैं।

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