यदि बच्चा तुतलाता हो तो करें ये उपाय

बच्चा दो-तीन साल का होने पर भी तुतलाए तो आप
ब्राम्ही के हरे पत्ते (यदि बच्चा खा सके तो) खिलाएं। इससे उसकी जुबान (जीभ) का मोटापन व कड़ापन दूर होगा और वह साफ बोलने लगेगा।

बड़े बच्चों को रोजाना सुबह आंवला चबाने को दें और रात को
सोते समय एक टीस्पून आंवला पाउडर कुनकुने पानी के साथ दें। तुतलाहट में लाभ होगा।

    हकलाकर बोलना

    हकलाकर बोलना और अटक-अटक कर बोलना, दोनों
    का मतलब एक ही है – वाक् शक्ति में गड़बड़ी, जिसमे बोलने वाला, बोले हुए शब्दों को दोहराता है या उन्हें लंबा करके बोलता है। हकलाने वाला या अटक कर बोलने वाला, बोलते-
    बोलते रुक सकता है या कुछेक शब्दांशों की कुछ आवाज़ ही नहीं निकाल पाता।

    उपचार -:

    1. गुनगुने ब्राह्मी तेल से सिर पर 30 से 40
      मिनट तक मालिश करें। उसके बाद गुनगुने पानी
      से नहा लें। इससे स्मरण शक्ति में सुधार
      होता है और अटककर और हकला कर बोलने का
      दोष मिट जाता है ।
    2. एक चम्मच सारस्वत चूर्ण और 1/2 चम्मच
      ब्राह्मी किरुथम शहद में मिला दें। इस
      मिश्रण को चावल के गोलों में मिलाकर मुँह
      में रखकर अच्छी तरह से चबाने से हकलाहट में
      लाभ मिलता है। बेहतर होगा अगर आप इसका
      सेवन नाश्ते के रूप में चटनी जैसा करें।
      नाश्ते के बाद 30 मिलीलीटर सारस्वतारिष्ट
      लेने से हकलाहट में लाभ मिलेगा।
    3. गाय का घी हकलाहट को दूर करने का एक
      उम्दा उपचार माना जाता है।
    4. कुछ कोथमीर के बीज और पाम कैंडी
      वल्लाराई के पत्तों में रखकर चबाने से
      हकलाहट दूर हो जाती है। वल्लाराई के पत्तों
      को धूप में सुखाकर पाउडर बना लें और इस
      पाउडर का नियमित रूप से सेवन करने से भी
      हकलाहट दूर हो जाती है।
    5. नियमित रूप से एक आँवले का सेवन करने से
      हकलाहट कम होती है । सुबह सवेरे एक चम्मच
      सूखे आँवले का पाउडर और एक चम्मच देसी घी
      का सेवन करने से भी हकलाहट में लाभ मिलता
      है।
    6. 12 बादाम पूरी रात पानी में सोख कर रखें,
      और सुबह उनके छिलके उतार कर पीस लें, और
      उन्हें 30 ग्राम मक्खन के साथ सेवन करने से
      भी हकलाहट में लाभ मिलता है।
    7. हकलाहट दूर करने के लिए 10 बादाम और 10
      काली मिर्च मिश्री के साथ पीस कर दस दिन
      तक सेवन करें।
    8. सोने से पहले छुआरों का सेवन करें पर कम
      से कम 2 घंटों तक पानी न पीयें। इससे आवाज़
      भी साफ़ हो जायेगी और हकलाहट भी दूर हो
      जायेगी।
    9. सूर्य की तरफ पीठ करके एक आइना पकड़कर और
      मुँह खोलकर ऐसी स्थिति में बैठें ताकि
      सूर्य की रोशनी आईने से प्रतिम्बिबित होकर
      आपके खुले मुँह में प्रवेश करे। गहरी साँस
      लें और धीरे धीरे अपना मुँह खोलें, और आईने
      को अपनी जीभ पर प्रतिम्बिबित करें। जीभ
      आपके मुँह के निचले भाग की तरफ होनी
      चाहिए अगर आपने सही तरह से निर्देशों का
      पालन किया है। अपनी जीभ को ढीला छोड़
      दें, उसे कभी भी कड़ा न करें, क्योंकि ऐसा
      करने से हकलाहट बनी रहेगी। स्पष्ट रूप से
      ‘क्या हो’ शब्द का बार बार उच्चारण करें।
      आपकी जीभ को सुचारू रूप से कार्यशील करने
      के लिए यह एक उत्तम उपाय माना जाता है।
      Dr.(Vaid) Deepak Kumar
      Adarsh Ayurvedic Pharmacy
      Kankhal Hardwar
      aapdeepak.hdr@gmail.com
      9897902760

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *