हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में कुंभ मेले के रंग में रंग चुकी है। आज निरंजनी अखाड़े की भव्य पेशवाई दिव्य व भव्य रूप में निकाली गयी। पेशवाई में बैंड बाजे के साथ नागा संन्यायी, साधु-संत हाथी, घोड़ों पर सवार होकर नगर भ्रमण किया। अखाड़े की पेशवाई में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी शामिल हुए।
पेशवाई प्रातः 11 बजे एसएमजेएन पीजी कालेज से आरम्भ हुई। पेशवाई के आरम्भ होने से पूर्व भात और दही को भोग दिया गया। इसके पश्चात देव पूजन के साथ पेशवाई की शुरूआत हुई। पेश्वाई में सबसे आगे हाथी, धर्मध्वजा निकली। उसके पीछे नागा संन्यासियों के साथ देव डोली निकाली गयी। उसके बाद आचार्य मण्डलेश्वर व मण्डलेश्वरों की पालकी निकली। पेशवाई में देश के कई प्रांतों से आए सांस्कृति कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। इसके साथ ही 25 बैड, घोड़े, हाथी पेशवाई की शोभा बने। पेशवाई में जहां संतों ने अपनी सनातन परम्परा को प्रस्तुत किया। वहीं वर्तमान के ज्वलंत मुद्दों, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं, आत्म हत्या अभिशाप आदि का भी संदेश दिया।
पेशवाई में भारी संख्या में साधु संत और भीड़ को देखते हुए मेला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए थे। कुम्भ 2021 में निकलने वाली पहली पेशवाई को देखने के लिये नगर के लोगों में खासा उत्साह देखा गया। इतना ही नहीं पेशवाई के समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु सड़कों पर उमड़ पड़े। जिन्होंने पेशवाई का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। पेशवाई में संतों का जोश देखते ही बन रहा था।
इस मौके पर ड्रोन और हेलीकाप्टर की मदद से भी पेशवाई पर फूलों की वर्षा की गई। पेशवाई में पूरे शाही अंदाज में साधु संत अपने-अपने रथों पर बैठकर निकले। पेशवाई में बड़ी संख्या में हाथी, ऊंट और घोड़े चल रहे थे। जिन्हें देखने के लिए सड़क के दोनों और लोगों की भारी भीड़ लगी रही। इसके साथ ही पेशवाई मार्ग पर सुरक्षा के लिहाज से करीब एक हजार पुलिस के जवानों के साथ बीएसएफ के जवान भी तैनात किए गए थे। जिन मार्गों से पेशवाई होकर निकली वहां लोगोंख् सामाजिक संगठनों व अन्य संगठनों से पेशवाई का स्वागत किया। पेशवाई में संतों के अतिरिक्त दशनाम गोस्वामी समाज व श्री गंगा सभा के पुराहित भी पहली बार शामिल हुए। पेशवाई के कारण शहर में यातायात व्यवस्था को लागू किया गया था। पेशवाई एसएमजेएन पीजी कॉलेज ज्वालापुर से गोविंदपुरी, चंद्राचार्य चैक, शंकर आश्रम, सिंहद्वार, देश रक्षक चैक, झंडा चैक, पहाड़ी बाजार, शंकराचार्यचार्य चैक, तुलसी चैक, वाल्मीकि चैक से गुजरांवाला भवन, मोदी भवन होते हुए निरंजनी अखाड़ा छावनी में प्रवेश किया।
पेशवाई में शामिल होने छावनी पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निरंजनी अखाड़े की पेशवाई में पहुंचकर साधु-संतों की परंपराओं को समझा। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी महाराज ने मुख्यमंत्री को छावनी का भ्रमण करवाया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उन्हें बेहद खुशी हो रही है कि आज पहली पेशवाई भव्य रूप में निकली। उन्होंने कहा कि साधु-संतों ने भारतीय संस्कृति के लिए हमेशा से बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। उन्होंने लोगों से भी आह्वान किया कि लोग कुंभ मेले के दौरान साधु संतों का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचें।
पेशवाई कुंभ की पहचानः नरेंद्र गिरी
कुंभ के दौरान विशेष महत्व रखने वाली पेशवाई लोगों के आकर्षण का केंद्र रहती है। आज निरंजनी अखाड़ा के रूप में महाकुंभ की पहली पेशवाई निकाली गई। पेशवाई ने हरिद्वार के एसएम जैन पीजी कॉलेज से निकलकर शहर भ्रमण करते हुए निरंजनी अखाड़े में प्रवेश किया।
निरंजनी अखाड़े से निकलने वाली पेशवाई के संबंध में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने बताया कि निरंजनी अखाड़े की पेशवाई बहुत ही भव्य रही। जिसे देखने के लिए शहर भर के लोग बाहर निकले। उन्होंने बताया कि अखाड़े की पेशवाई की लंबाई करीबन 3 किलोमीटर तक रही। जिसमें 1000 के लगभग नागा संन्यासी सम्मिलित हुए। साथ ही अखाड़े के 50 से अधिक महामंडलेश्वर इस पेशवाई में मौजूद रहे। पूरी पेशवाई के दौरान कोविड नियमों का खास तरह से ध्यान रखा गया।
नरेंद्र गिरी ने बताया कि पेशवाई अखाड़े के लिए विशेष महत्व रखती है। जिसमें अखाड़ा अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के साथ-साथ अपने धनबल का भी प्रदर्शन करता है। उन्होंने बताया कि पेशवाई कुंभ के दौरान विशेष महत्व रखती है और कुंभ की पहचान मानी जाती है।