हरिद्वार। एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई जायरोकॉप्टर की उड़ान पर संकट के बादल छा गए हैं। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने हवाई पट्टी का निर्माण कार्य रुकवा दिया है। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने यह जमीन अपनी बताते हुए अनुमति न लिए जाने की बात कही है। इसके साथ ही कार्यदायी संस्था को नोटिस जारी कर जवाब तलब भी किया है।
इसमें पर्यटकों को पांच हजार रुपये में 60 किलोमीटर की हवाई यात्रा कराई जाने को पर्यटन विकास विभाग की ओर से उड़ान पट्टी तैयार कराई जा रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने हवाई पट्टी के निर्माण के लिए अनुमति नहीं लेने का आरोप लगाया है।
उसका कहना है कि भूमि प्रदेश सिंचाई विभाग की है। इसके उपयोग के लिए किसी को कोई अनुमति नहीं दी गई है। अधिकारियों ने दावा किया है कि निर्माण कार्य को रुकवा दिया गया है।
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के एसडीओ अनिल कुमार निमेश ने बताया सिंचाई विभाग जहां जायरोकॉप्टर की हवाई पट्टी तैयार की जा रही है, वह जमीन उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की है। निर्माण की अनुमति विभाग से नहीं ली गई है। इससे नोटिस जारी करने के साथ ही निर्माण कार्य रुकवा दिया गया है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है।
वहीं जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुरेश कुमार यादव का कहना है कि हरिद्वार जिलाधिकारी के आदेश पर जायरोकॉप्टर की हवाई सफारी कराने के लिए निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से मिले पत्र का जवाब भी जिलाधिकारी की ओर से भेज दिया गया है।
बताते चलें कि हरिद्वार में जनवरी माह से शुरू होने वाली देश की पहली जायरोकॉप्टर की हवाई सफारी के लिए रविवार को सफल ट्रायल किया गया था। इससे जायरोकॉप्टर सफारी कराने वाली कंपनी की ओर से दावा किया जा रहा है कि सैलानियों को एक जनवरी से हवाई सफारी कराने के लिए बुकिंग शुरू कर दी जाएगी।लेकिन जनवरी से जायरोकॉप्टर की उड़ान पर सवाल खड़े होने लगे हैं। आशंका जताई जा रही है कि उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के कदम से पर्यटन विभाग की जायरोकॉप्टर की सफारी की उम्मीदों पर पानी फेर सकता है।


