फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए बन्द

प्रकृति की अनमोल धरोहर फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान मंगलवार को पर्यटकों के लिए बन्द कर दिया गया।प्रति वर्ष करीब पांच महीने फूलों की घाटी पर्यटकों से गुलजार रहती है।
विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी मे इस वर्ष कुल तेरह हजार एक सौ इकसठ देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचे,जिनमें बारह हजार सात सौ साठ भारतीय एवं चार सौ एक विदेशी पर्यटक थे। फूलों की घाटी प्रतिवर्ष जून महीने मे खुलती है और अक्टूबर माह में बन्द होती है
मध्य जुलाई से मध्य सितंबर तक फूलों की घाटी अपने यौवन पर होती है । इस दौरान प्रकृति के चितेरे पर्यटकों की संख्या मे भी आशातीत बृद्धि होती है।
नन्दा देवी राष्ट्रीय पार्क के अधीन फूलों की घाटी रेंज की देख रेख मे पर्यटकों को बेहतर सुविधा के साथ ही घाटी मे खिलने वाले सैकड़ों किस्म के फूलों की जानकारी दी जाती है, और वन विभाग द्वारा घाटी मे प्रवेश के लिए प्रवेश शुल्क भी लिया जाता है।


फूलों की घाटी रेंज के रेंज ऑफिसर गौरव नेगी के अनुसार इस वर्ष 30 सितंबर तक भारतीय पर्यटकों से एक सौ पचास रु0 प्रति पर्यटक एवं विदेशी पर्यटकों से छह सौ रुपए प्रति पर्यटक प्रवेश शुल्क लिया गया। जबकि एक अक्टूबर से प्रवेश शुल्क दरों मे उच्चस्तर पर लिए गए निर्णयों के क्रम मे भारतीय पर्यटकों से दो सौ रुपए प्रति पर्यटक एवं विदेशी पर्यटकों से आठ सौ रुपए प्रति पर्यटक प्रवेश शुल्क लिया गया, जिससे विभाग को बीस लाख तिरानब्बे हजार का राजस्व प्राप्त हुआ।

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