रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम चिकित्सालय में जर्मन निर्मित 1.5 टेस्ला एमआरआई मशीन का संतों ने किया उद्घाटन,
हरिद्वार। रामकृष्ण मिशन सेवा आश्रम कनखल में सोमवार को नव स्थापित 1.5 टेस्ला एमआरआई मशीन का उद्घाटन साधु संतों ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम का आयोजन रामकृष्ण मिशन के 125 वें वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। इस अवसर पर जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज, निर्मल पीठाधीश्वर श्री महंत ज्ञान देव सिंह महाराज, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा के सचिव महंत रवींद्र पुरी महाराज,श्री रामकृष्ण मिशन बेलूर मठ कोलकाता के सहायक महासचिव स्वामी सत्येशानंद महाराज ,रामकृष्ण मिशन कनखल के सचिव स्वामी दयामूर्त्यानन्द महाराज, बाबा हठ योगी ,मिशन के दिल्ली शाखा के सचिव स्वामी सर्वलोकानंद महाराज ,गुरुग्राम शाखा के सचिव स्वामी शांतात्मानंद महाराज, स्वामी उमेश्वरानंद मंजू महाराज, स्वामी अनादानंद जगदीश महाराज महामंडलेश्वर हरि चेतनानंद महाराज महामंडलेश्वर लालतानंद गिरी महाराज आदि संत महंत महामंडलेश्वर उपस्थित थे। इस अवसर पर अत्यधिक अल्ट्रासाउंड मशीन का भी लोकार्पण किया गया।

एमआरआई मशीन प्रदान करने वाले हांगकांग के कौशल टिक्कू का संतो ने शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया और उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया। समाजसेवी कौशल टिक्कू ने कहा कि रामकृष्ण मिशन की मानव सेवाओं से वे अत्यधिक प्रभावित हुए हैं । कार्यक्रम का संचालन आचार्य डॉक्टर स्वामी हरिहरानंद महाराज ने किया।
रामकृष्ण मिशन सेवा आश्रम कनखल के सचिव स्वामी दयामूर्त्यानन्द महाराज ने बताया कि जर्मन निर्मित सीमेंस कंपनी की यह एमआरआई मशीन 6:30 करोड रुपए की लागत की है। अत्याधुनिक तकनीकी से युक्त यह मशीन उत्तराखंड में ऋषिकेश एम्स को छोड़कर रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम कनखल में अकेली मशीन है और जिसमें न्यूनतम दरों पर एमआरआई हो सकेगा।
इस अवसर पर प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरुओं का एक अंतर संप्रदाय विशेष सम्मेलन भी किया गया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि रामकृष्ण मिशन की सेवाएं केवल प्रशंसनीय ही नहीं बल्कि अनुकरणीय है।मिशन के संत उच्च कोटि शिक्षा प्राप्त और समर्पित भाव से मानव सेवा करने वाले उच्च कोटि के साधक संत हैं। जिन्होंने अपने जीवन में स्वामी विवेकानंद के धॆय वाक्य ‘नर सेवा नारायण सेवा’ को धरातल पर बखूबी उतारा है।
श्री रामकृष्ण मिशन बेलूर मठ कोलकाता के सहायक महासचिव स्वामी सत्येशानंद महाराज ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने पूरी दुनिया को नई दिशा दी और उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण का जो संकल्प लिया था,उसे मिशन के संतों ने पूरा करने में अपना जीवन समर्पित कर दिया। कोई भी सेवा अहंकार से परे और निस्वार्थ और समर्पित भाव से होनी चाहिए।
निर्मल पीठाधीश्वर श्री महंत स्वामी ज्ञान देव सिंह महाराज ने कहा कि मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव महंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने अपनी आध्यात्मिक शक्ति का लोहा पूरी दुनिया में मनवाया।
स्वामी सर्वलोकानंद महाराज ने स्वामी विवेकानंद के जीवन के बारे में कई भ्रांतियां का निदान किया। सम्मेलन को महामंडलेश्वर स्वामी परमातम देव महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज, स्वामी कमलाकांतानंद, स्वामी एकेश्ववानंद, स्वामी त्यागीवरानंद,स्वामी विशुत्मानंद,स्वामी एकाश्यानंद आदि ने संबोधित किया।