निरंजनी अखाड़े के आचार्य मण्डलेश्वर के खिलाफ दून के गांधी पार्क में तेजेन्दर कौर ने दिया धरना

इंसाफ न मिलने पर दिल्ली में जंतर-मंतर पर दी आत्मदाह की चेतावनी

अग्नि अखाड़े के ब्रह्मलीन आचार्य महामण्डलेश्वर स्वमी रसानंद महाराज की विधवा तेजेन्दर कौर ने श्री ंपंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज स्वामी रसानंद महाराज की सम्पत्ति को जालसाजी कर खुर्दबुर्द करने का आरोप लगाते हुए देहरादून के गांधी पार्क में एक दिवसीय धरना देकर आरोपियों के खिलाफ मुकद्मा दर्ज करने की मांग करने व इंसाफ न मिलने पर इच्छा मृत्यु की राष्ट्रपति, प्रदेश के राज्यपाल व मुख्यमंत्री से गुहार लगायी है।
तेजेन्दर कौर ने पत्रकारों को बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद भी स्वामी कैलाशानंद ने स्वामी रसानंद की जमीन को बेचा तथा करीब 23, 24 रजिस्ट्री करा दी। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वामी कैलाशानंद अपराधिक प्रवृत्ति के हैं तथा नेताओं की आड़ लेकर गुण्डों का संरक्षण देने का कार्य करते हैं। उन्होंनें कहाकि आशीष शर्मा व जतिन हांडा भी स्वमी कैलाशानंद के साथ मिले हुए हैं। आशीष शर्मा श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के संत सुधीर गिरि की हत्या के मामले में जेल भी जा चुका है। उन्होंने कहाकि सारे सबूत देने के बाद भी पुलिस प्रशासन स्वामी कैलाशानंद व अन्य पर धोखाधड़ी का मुकद्मा दर्ज कर नहीं रहा है। पुलिस प्रशासन इनके दबाव में है। उन्होंने बताया कि कमीश्नर के आदेश के बाद भी पुलिस मुकद्मा दर्ज नहीं कर रही है। उन्होंने कहाकि कूटरचना कर स्वामी कैलाशानंद ने स्वामी रसानंद की सम्पत्ति में अपना नाम दाखिल खारिज करवा लिया था। जिस पर कमीशनर ने स्वामी कैलाशांनद के खिलाफ आदेश पारित किया। जिसके बाद उनका नाम खसरा-खतौनी से काटा गया। उन्होंने कहाकि कमीशनर का आदेश आने के बाद भी जमीनों को बेचा गया है। उन्होंने कहाकि उनकी कहीं भी सुनवायी नहीं हो रही है। सरकार को इस मामले की सीबीआई जांच कराकर दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए। उन्होंने कहाकि मामले की यदि सरकार जांच नहीं करवाती है तो उन्हें इच्छा मृत्यु की इजाजत दी जाए। उन्होंने कहाकि ऐसे संतों के खिलाफ जो भी लड़ाई में उनका साथ देना चाहता है उसका वे स्वागत करेंगी। उन्होंने बताया कि यदि प्रदेश सरकार से उन्हें न्याय नहीं मिलता है तो वे शीघ्र ही दिल्ली में जंतर-मंतर पर आत्मदाह जैसा कदम उठाने को मजबूर होंगी, जिसकी जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।

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