एक नाबालिग की शादी का मामला उत्तराखंड नेपाल के सीमावर्ती जिले पिथौरागढ़ में सामने आया है। सूचना पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने मौके पर पहुंचकर शादी रुकवाई। सूचना पिथौरागढ़ चौकी प्रभारी ऐंचोली के माध्यम से दी गई थी। वर्तमान में लड़की ऐंचोली पिथौरागढ़ में अपनी दीदी के घर पर रह रही है जिसकी शादी ऐंचोली निवासी एक युवक से मोस्टमानू मंदिर में होने जा रही थी।
मामले को गंभीरता से लेते हुए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की प्रभारी चंचल शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम, चाइल्ड हेल्प लाइन कर्मियों के साथ मोस्टमानू मंदिर पहुंची, जहां शादी की तैयारियां चल रही थी। मौके पर नाबालिग लड़की व उसके परिजन मौजूद थे। पुलिस टीम द्वारा लड़की का जन्म प्रमाण पत्र चेक किया गया तो नाबालिग की उम्र 18 वर्ष से कम निकली। लड़की मूल रूप से नेपाल की रहने वाली है और वर्तमान में अपनी दीदी के घर ऐंचोली में रह रही हैं।
नाबालिग लड़की द्वारा बताया गया कि जिस युवक से उसकी शादी हो रही है, उसे फेसबुक के माध्यम से विगत 2 वर्षों से जानती है। जिस कारण दोनों आपसी सहमति से शादी करने जा रहे थे। पुलिस टीम द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन के समक्ष लड़की व उसके परिजनों की काउन्सलिंग की गई तथा बाल विवाह से संबंधित कानून की जानकारी देते हुए बताया कि नाबालिग की शादी कराना कानूनन अपराध है।
इसके बाद दोनों परिवारों द्वारा अपनी गलती स्वीकार करते हुए बताया कि उन्हें कानून की जानकारी नहीं थी, अब वह दोनों के बालिग होने पर ही उनकी शादी करेंगे। इस संबंध में उनके द्वारा लिखित प्रार्थना पत्र दिया गया।