अलखनाथ मठ बरेली की सम्पत्ति के लालच में हो चुकी है कई संतों की हत्या
महंत धर्म गिरि के शिष्य ने फिर बताया कुछ संतों से अपनी जान को खतरा
श्री पंचायती अखाड़ा आनन्द के श्री मंहत तथा अलखनाथ मठ बरेली के परमाध्यक्ष श्री महंत बृहस्पति गिरि महाराज ने पुश्तैनी सम्पत्ति कब्जाने के लिए कई संतों की हत्या करने व न्यायालय के आदेश के बाद भी उन्हें जबरन बेदखल करने के बाद स्वंय की जान को कुछ बड़े संतों से खतरा बताते हुए जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगायी है।
श्री महंत बृहस्पति गिरि महाराज ने बताया के सम्पत्ति के चक्कर मे ंवर्ष 2006 में उनके गुरु श्री महंत धर्म गिरि महाराज बरेली की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। जिसमें हत्या करने वाले मनोज गिरि को वहीं लोगों ने पकड़कर पीटकर मार डाला था। जबकि बालक गिरि को सात वर्ष की कैद हुई थी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में उनके चाचा गुरु नीरज गिरि की भी बालक गिरि के चेलों ने हत्या करवायी थी। जिसमें तीन लोगों दिनेश गिरि शिष्य बालक गिरि, सुरेन्द्र गिरि शिष्य लक्ष्मी गिरि व कन्हैया भारती शिष्य ओमकार भारती को उम्र कैद की सजा हुई थी। जिसमें से दिनेश भारती की मौत हो गयी है। उन्होंने बताया कि गुरु धर्म गिरि की हत्या के बाद मठ के उत्तराधिकारी वे तथा उनके गुरु भाई मलखान गिरि थे। जिन्हें वहां से जबरन निकालकर उनकी सम्पत्ति पर जबरन कब्जा कर कालू गिरि को मठ का महंत बना दिया गया। जिसमें महंत बनाने में मोटी दक्षिणा लेकर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि, श्री महंत हरिगिरि महाराज की मुख्य भूमिका रही। श्री महंत बृहस्पति गिरि ने बताया कि सम्पत्ति पर वे किसी प्रकार का हक न जता पाएं, इसके लिए उन्हें उन्हीं संतों ने नकली घोषित कर दिया जो स्वंय में नकली हैं। उनका कहना था कि जिस सम्पत्ति पर जबरन कब्जा किया हुआ है वह 1826 से उनके पुरखों की पुश्तैनी सम्पत्ति चली आ रही है। बताया कि इस सम्पत्ति विवाद को लेकर न्यायालय ने वर्ष 2018 में उनके पक्ष में निर्णय भी दे दिया है। न्यायालय ने उन्हें सम्पत्ति का मालिक माना है। बावजूद इसके उन्हें मठ में घुसने तक का अधिकार नहीं है। बताया कि वे आज सब कुछ होते हुए भी निर्वासित जीवन जीने के लिए मजबूर हैं। साधु के वेश में छुपे शैतानों के कारण वे स्वंय व उनके गुरु भाई मलखान गिरि डर के साए मं जीवन जी रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 में उन पर हत्या के इरादे से गोली चलायी गयी, किन्तु वे किसी तरह से बच गए। उन्होंने बताया कि उन्हें अपनी व अपने गुरु भाई की जान का खतरा बना हुआ है। किसी भी समय उनकी हत्या की जा सकती है। जिससे उनकी सम्पत्ति पर कब्जा करने वालों का मार्ग निष्कंटक हो जाए।

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