डीआईजी दलीप सिंह कुंवर ने बेटा-बहू से प्रताडि़त 85 वर्षीय दिव्यांग बुजुर्ग को अपने कार्यालय से नीचे उतरकर तत्काल कानूनी मदद का सहारा दिया। दूसरी ओर मौके में ही पुलिस की तत्काल मदद होने से बुजुर्ग दिव्यांग ने देहरादून डीआईजी का धन्यवाद प्रकट किया।
जानकारी के मुताबिक, देहरादून कोतवाली अंतर्गत चुक्कूवाला इंदिरा नगर निवासी 85 वर्षीय दिव्यांग बुजुर्ग वंशीधर मेहंदीरत्ता का आरोप है कि बेटा बहू प्रॉपर्टी हथियाने के लालच में लगातार मारपीट करते हैं। हद तो तब हो गई जब बेटे ने पिता को पीटकर उनका कूल्हा तक तोड़ दिया। इस प्रताड़ना से त्रस्त होकर बुजुर्ग मेहंदीरत्ता जो चलने फिरने से मजबूर हैं। वह बैसाखी का सहारा लेकर किसी तरह देहरादून एसएसपी कार्यालय पहुंचे। लेकिन सीढि़यों से ऊपर चढ़ पाने में असमर्थ थे। ऐसे में वह एसएसपी ऑफिस के नीचे प्रवेश द्वार के फर्श पर ही बैठ गए। इस बीच डीआईजी दलीप सिंह कुमार अपने कार्यालय पहुंचे तो उन्होंने प्रवेश द्वार पर बैठे बुजुर्ग की हालत को देख खुद ही उनके पास जाकर आने का कारण पूछा। बुजुर्ग वंशीधर मेहंदीरत्ता ने डीआईजी दलीप सिंह से कहा कि काफी समय से उनका बेटा और बहू प्रॉपर्टी हथियाने के चलते लगातार मारपीट कर प्रताडि़त कर रहे हैं। इस बात की शिकायत स्थानीय धारा चौकी को दी गई। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बुजुर्ग की दयनीय स्थिति को देखते हुए डीआईजी ने वहीं से धारा चौकी इंचार्ज को फोन पर फटकार लगाई और तत्काल मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
इसके बाद बेटा और बहू से प्रताडि़त दिव्यांग बुजुर्ग मेहंदीरत्ता को तत्काल कानूनी मदद देने के साथ ही डीआईजी देहरादून ने अपना फोन नंबर देते हुए आगे किसी भी तरह की समस्या में सीधे फोन करने की बात कही। इतना ही नहीं, बुजुर्ग दिव्यांग मेहंदीरत्ता के स्वास्थ्य और चलने फिरने की गंभीर हालत को देखते हुए डीआईजी ने सरकारी गाड़ी मंगवाकर बुजुर्ग को सकुशल घर पहुंचाने की व्यवस्था भी की।
इसके बाद एसएसपी की तत्परता देखते हुए मौके पर संबंधित धारा चौकी इंचार्ज और अन्य अधिकारी भी आनन-फानन में आ पहुंचे। ऐसे में डीआईजी ने चौकी इंचार्ज सहित अन्य अधिकारियों को निर्देश देते हुए चेतावनी दी कि सीनियर सिटीजन के साथ इस तरह के मामलों में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसी भी बुजुर्ग के साथ अगर घरेलू हिंसा या अन्य तरह का मामला सामने आता है तो तत्काल सुनवाई कर कार्रवाई करें।