हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सत्यपाल सिंह ने प्रधान आर्यप्रतिनिधि सभा पंजाब, हरियाणा व दिल्ली को 30 दिसम्बर 2022 को कुलाधिपति पद से अपना त्यागपत्र दे दिया है। डा. सत्यपाल सिंह ने आर्य सभाओं के अडियल रवैये को न मानते हुए अपने पद से इस्तीफा देते हुए कहा है कि मैं कोई भी काम न्याय और आत्मा के विरूद्ध नहीं कर सकता। मुझे यह पूर्णतः स्पष्ट है कि वर्तमान संस्थाएं समविश्वविद्यालय में सरकारी धन को अपने स्वयं के हित में खर्च करने व गुरुकुल की करोड़ो रुपये की अमूल्य सम्पत्ति को खुर्द-बुर्द करना चाहती है।
गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय के प्रयोजक संस्थाओं द्वारा असंवैधानिक प्रकार से कुलाधिपति को हटाये जाने के मामले को लेकर गुरुकुल में यह खबर सनसनी की तरह से फैल गयी। एक बैठक कुलपति कार्यालय में समविश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु की अध्यक्षता में हुई। बैठक में प्राच्य विद्या संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. ब्रह्मदेव ने कहा कि कुलाधिपति का त्यागपत्र समविश्वविद्यालय के लिए सबसे बड़ी क्षति है। समविश्वविद्यालय के कुलाधिपति के निर्देशन में संस्था लगातार आगे बढ़ रही थी। मानविकी संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. अम्बुज कुमार शर्मा ने कहा कि डा. सत्यपाल सिंह तीनों आर्य प्रतिनिधि सभा की कार्यप्रणाली से काफी दुःखी थे। गुरुकुल के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी डा. सत्यपाल सिंह के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है। प्रो. डीएस मलिक ने कहा कि विश्वविद्यालय की गरिमा, उच्च शिक्षण एवं शोध उन्नति के लिए शिक्षक एवं शिक्ष्केत्तर कर्मचारियों को एक साथ मिलकर कार्य करने हेतु प्रबंध मण्डल का निर्देशन बहुत आवश्यक होता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है। संस्थाओं में इस तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। प्रो. सत्येन्द्र राजपूत ने कहा कि विश्वविद्यालय में अफवाहें बहुत फैल रही हैं, उन पर विराम लगना चाहिए। संस्था के संरक्षण के लिए सभी को मिलकर आगे आना चाहिए। शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने कहा कि थोड़े दिन पूर्व कुलाधिपति डा. सत्यपाल सिंह ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से बैठक में कह दिया था कि सभाएं विश्वविद्यालय के हित में काम नहीं कर रही है। यहां के प्रत्येक कर्मचारियों को संघर्ष करने की आवश्यकता है जिसके लिए शिक्षकेत्तर कर्मचारी पूरी तरह से कुलाधिपति के साथ खड़ा है। दीपक आनन्द ने डा. सत्यपाल सिंह के इस्तीफे को विश्वविद्यालय के हित में नहीं बताया। डा. सत्यपाल सिंह का इस्तीफा देना विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिए श्रेयष्कर नहीं है। दीपक वर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय का प्रत्येक कर्मचारी कुलाधिपति डा. सत्यपाल सिंह के साथ दिल से खड़ा है और संघर्ष करने के लिए तैयार है।
इस अवसर पर प्रो. राकेश शर्मा, सेवानिवृत्त, प्रो. राकेश कुमार जैन, प्रो. एलपी पुरोहित, प्रो. प्रभात कुमार, डा. सुनील पंवार, प्रो. सत्यदेव निगमालंकार, रमेश कुमार, डा. पंकज कौशिक, अरविन्द कुमार शर्मा, अंकित कृष्णात्री, बिजेन्द्र सिंह, सत्यदेव, श्याम कुमार कश्यप, धर्मेन्द्र बालियान, विक्रम सिंह, जसवीर, नरेन्द्र मलिक, उमाशंकर, गुरप्रीत सिंह, विजय प्रताप सिंह, सुभाष चन्द्र, अनिल कुमार, अजय कुमार आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन वित्ताधिकारी प्रो. देवेन्द्र गुप्ता ने किया।