त्रिस्तरीय पंचायत चुनावः कौन लड़ सकता है चुनाव, प्रशासन ने जारी किए निर्देश

हरिद्वार। मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के संचालन की दृष्टि से आम जनमानस की जानकारी के लिये पंचायत चुनाव कौन लड़ सकता है तथा कौन नहीं लड़ सकता है, एक से अधिक पद धारण का निषेध तथा लाभ के पद के मापदण्ड के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव ऐसा व्यक्ति जिसका नाम, ग्राम पंचायत सदस्य के लिए सम्बन्धित वार्ड की नामावली में तथा प्रधान के लिए सम्बन्धित ग्राम पंचायत की नामावली में, क्षेत्र पंचायत सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य के लिए क्षेत्र की किसी ग्राम पंचायत की नामावली में अंकित हो, किन्तु ऐसे प्रत्याशी का प्रस्तावक उसी वार्ड से होना चाहिए, जिस वार्ड से वह प्रत्याशी दावेदारी कर रहा है।


श्री जैन ने बताया कि प्रत्याशी ने 21 वर्ष की आयु पूरी कर ली हो, वह दिवालिया न हो, वह किसी राज्य सरकार या केंद्र सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकारी या किसी राज्य सरकार या केंद्रीय सरकार के नियंत्रण में किसी बोर्ड, निकाय या निगम के अधीन लाभ के पद पर न हो। वह किसी राज्य सरकार या केंद्र सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकारी या किसी अन्य पंचायत की सेवा से दुराचरण के कारण पदच्युत न किया गया हो। नैतिक अधमता के किसी अपराध के लिए दोष सिद्ध न ठहराया गया हो। आवश्यक वस्तु अधिनियम 1965 के अंतर्गत 3 माह का कारावास, एसोसिएशन सप्लाइज एक्ट 1946 के अधीन 6 माह से अधिक का कारवास या निर्वासन, आबकारी अधिनियम 1910 के अधीन 3 माह से अधिक का कारावास से दण्डित या निर्वाचन सम्बन्धी किसी अपराध के लिए दोष सिद्ध न ठहराया गया हो। 25 जुलाई, 2019 से पहले अगर दो से अधिक बच्चे हैं, तो पंचायत चुनाव लड़ सकता है।


मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि पंचायत चुनाव, ऐसा व्यक्ति, जो किसी नगर निकाय का सदस्य हो, जिनके घर में शौचालय स्थापित न हो, मान्यता प्राप्त संस्था, बोर्ड से हाईस्कूल अथवा समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण न हो, (परन्तु सामान्य महिला, अनुसूचित जाति प्रत्याशी के मामले में न्यूनतम मिडिल, आठवी उत्तीर्ण न हो ) दो से अधिक जीवित संतान हो, सरकारी धन का गबन किया हो या सरकारी धन की वसूली चल रही हो, किसी सरकारी भूमि पर कब्जा हो, 25 जुलाई, 2019 के पश्चात दो से अधिक संतान हुई हो, तब चुनाव नहीं लड़ सकता है।
इसके अतिरिक्त मुख्य विकास अधिकारी ने एक से अधिक पद धारण के निषेध के सम्बन्ध में बताया कि कोई व्यक्ति एक साथ क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत के एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से निर्वाचन में उम्मीदवार नहीं हो सकता है।


लाभ के पद के मापदंड का उल्लेख करते हुये उन्होंने बताया कि उस पद पर नियुक्ति सरकार द्वारा की जाती हो, उसे सरकार द्वारा हटाया जा सकता हो, उस पद पर वेतन अथवा अन्य सुविधाएं देय हों, सरकार और उस व्यक्ति का सम्बन्ध स्वामी और सेवक का हो, उस व्यक्ति के कार्य निश्चित प्रकार के हों और उन कार्यों से उसे या तो स्वयं लाभ पहुंचता हो अथवा वह किसी और को लाभ पहुंचाने की स्थिति में हो, उसे अपने विवेक का प्रयोग करने की शक्तियां हो, लाभ की श्रेणी में आयेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *