हरिद्वार। क्षमा, सील, परोपकार को ज्ञान बांटने वाले कथित भगवानधारियों के वेश में कसाई भी छिपे हुए हैं। इसकी बानगी उस समय दिखायी दी जब व्यवस्था का विरोध करने पर एक संत की जमकर पिटाई की और उसे धक्के मारकर अखाड़े से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। आखिरकार संत को अपनी जान गंवानी पड़ी।
बताते हैं कि कंुभ के दौरान एक अखाड़े में व्यवस्थाओं के खिलाफ अखाड़े के बड़े संतों के समक्ष उसने अपन ी आवाज बुलंद की। जिसकी बानगी यह हुई की संत की जमकर पिटाई की गयी और उसे धक्के मारकर बाहर निकाल दिया गया। जिसके बाद सं संत ने संन्यास मार्ग स्थित एक आश्रम में शरण ली। बताते है। कि पिटाई के कारण संत को अंदरूनी चोटें आईं। जिसका बाद में उन्हें एहसास हुआ। जिसके बाद वे रामकृष्ण मिशन चिकित्सालय में भर्ती हो गए। जहां उसकी हालत बिगड़ती गयी और उन्होंने बीते रोज दम तोड़ दिया। मृत्यु के उपरांत संत का संन्यास परम्परा के विपरीत दाह संस्कार कर दिया गया। संत का नाम रामानंद गिरि बताया गया है।

संत बने कसाई, व्यवस्था के विरोध पर की पिटाई, संत ने जान गंवाई


