हरिद्वार। भारतीय प्राच्य विद्या सोसाइटी कनखल के संस्थापक ज्योतिषाचार्य पं. प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि आगामी 10 जुलाई को हरिशयनी एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु का शयन प्रारंभ होगा, जो 4 नवंबर तक रहेगा। 4 नवंबर से भगवान हरी पुनः सत्ता में वापिस आ जाएंगे। इन 4 माह में भगवान शिव ही सत्ता संभालेंगे। इस बीच सारे मुहूर्त भी सो जायेंगे। जिसमंे विवाह, यज्ञोपवित, मुंडन, मूर्ति प्रतिष्ठा, नवीन ग्रह प्रवेश, नवीन नींव खोदना, नया व्यापार शुरू करना, दुकान खोलना, यहां तक की यात्रा मुहूर्त भी बंद होंगे, परंतु नामकरण, इत्यादि मुहूर्त चलेंगे। उन्होंने बताया कि 25 नवंबर को शुक्र उदय के बाद सभी मुहूर्त अंगड़ाई लेंगे। इन चार माह में सभी संत चार्तुमास करते हैं। उन्होंने बताया कि चार्तुमास में संन्यासी एक स्थान पर रहकर उपासना करते हैं। इस दौरान नदी आदि पार करना वर्जित बताया गया है। शंकराचार्य भी इस समयसीमा में सीमा उल्लंघन नहीं करते हैं। एक ही स्थान पर रहते हैं। उन्होंने बताया कि 12 जुलाई से शनि वक्री होंगे। मंगल, राहु अंगारक योग बनायंेगे। 8 जुलाई से गुरु भी वक्री होंगे। ये ग्रहों की चाल शुभ संकेत नहीं दे रही है। उन्होंने बताया कि अभी महंगाई की मार से लोगों को और अधिक परेशान होना पड़ेगा।

10 जुलाई को होगा सत्ता परिवर्तन


