हरिद्वार। कनखल क्षेत्र की रविदास बस्ती में दूषित पानी की आपूर्ति होने संबंधी समाचार के प्रकाशित होने पर अरुण भदोरिया एडवोकेट, कमल भदोरिया एडवोकेट, चेतन भदोरिया LLB अध्यनरत ने राज्य मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में एक रिट दायर की है, जिसमें इन्होंने प्रमुख सचिव शहरी विकास उत्तराखंड , जिला अधिकारी हरिद्वार और मेयर नगर निगम हरिद्वार को पक्षकार बनाते हुए याचिका दायर की है।
याचिका में बताया गया है कि रविदास बस्ती क्षेत्र जिसके पार्षद भूपेंद्र कुमार हैं और उस क्षेत्र में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और बंगाली हॉस्पिटल जहां पर देश व विदेश से आध्यात्मिक रूप से व अपने इलाज से संबंधित लोग आते रहते हैं, लेकिन दूषित पानी की आपूर्ति प्रमुख सचिव शहरी विकास उत्तराखंड, जिला अधिकारी हरिद्वार व मेयर नगर निगम हरिद्वार को जिम्मेदार मानते हुए और बार-बार इस संबंध में पत्रों के माध्यम से समाचार पत्रों के माध्यम से और पोर्टल न्यूज़ के माध्यम से इन अधिकारियों को दिए जाने के बावजूद इन अधिकारियों द्वारा अपनी जिम्मेदारियां से जानबूझकर सब कुछ जानते हुए कोई भी कार्यवाही इस संबंध में नहीं कर रहे हैं।
लोगों की समस्या यह है कि दूषित पानी अधिकारियों द्वारा सप्लाई कराया जा रहा है। इसे पीकर आम व्यक्ति देश व विदेश से आने वाला व्यक्ति बीमारियों से ग्रस्त हो रहा है। छोटे-छोटे बच्चों को उल्टी दस्त व अन्य बीमारियां से ग्रसित होते जा रहे हैं क्षेत्र के लोगों ने आम जनता द्वारा आक्रोशित होकर अधिकारियों का पुतला तक फूंका व शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किया व साथ ही घरों में हो रहे गंदे पानी की सप्लाई व शहर में खोदे गए गड्ढों को ना भरे जाने के कारण रविदास बस्ती क्षेत्र के पार्षद भूपेंद्र कुमार के द्वारा भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए बार-बार इन अधिकारियों को शिकायत की गई, परंतु इन अधिकारियों के द्वारा अपनी जिम्मेदारी ना समझते हुए आम आदमियों की मानवाधिकार का हनन जानबूझकर लगातार करते हुए दूषित पानी पीने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस संबंध में भदोरिया एसोसिएट्स द्वारा याचिका दायर करते हुए यह मांग की गई है की उत्तराखंड राज्य के जनपद हरिद्वार में कनखल क्षेत्र में रविदास बस्ती में दूषित पानी पर तत्काल कार्रवाई कर शुद्ध साफ पानी की सप्लाई सुनिश्चित किए जाने के लिए इन अधिकारियों को आदेश दिया जाए व दोषी व्यक्तियों के जिनके द्वारा आम लोगों को मानवाधिकार का उल्लंघन किया गया है उनके विरुद्ध भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।