कुदरत के नियम को तोड़ने पर रक्षक प्रकृति बन जाती भक्षक-: उमाकांत महाराज

प्रभु से प्रेम, उन पर विश्वास होने पर वो प्रेम में आपके लिए सब कुछ करेंगे

उज्जैन। उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज ने होली कार्यक्रम में दिए सन्देश में बताया कि जब आप छोटे बन जाओगे, प्रभु पर विश्वास कर लोगे, उनसे प्रेम कर लोगे, उनके हो जाओगे, वो तो आपको अपना मानते ही हैं, तो कोई चीज कहने (मांगने) का ही नहीं रहेगा। उनसे प्रेम होने पर वो प्रेम में आपके लिए सब कुछ करेंगे। प्रेम होने पर जो इच्छा किन्ही मन माहि, यानी इच्छा करते ही वो चीज हाजिर हो जाती है। दुनिया की चीजें क्या, उपरी लोकों की चीजें भी आसान हो जाती हैं. सेवा का बड़ा लाभ मिलता है। कर्मों की सजा से आज तक कोई बच नहीं पाया. यदि लोगों को कुदरत की सजा मिलने लग गयी, यही कुदरत जो रक्षक है, यही अगर भक्षक बन गयी, यही सूरज जो रौशनी, गर्मी दे कर विकारों को, अँधेरे को दूर करता है, यही सूरज की रौशनी अगर तेज हो गयी, सुबह अगर दोपहर जैसी गर्मी जब हो जाएगी, दोपहर में ये शरीर जलने तपने लगेगा, खालें जैसे गर्म पानी पड़ने पर उजड़ जाती है वैसे जब उजड़ने लगेगी तब? तो ये ही रक्षक हैं. जब इनके नियम का उल्लंघन हो जाता है, तो ये भक्षक हो जाते हैं. यही (जीवनदायी) हवा, लू शीतलहर के रूप में तकलीफदाई हो जाती है, यही पानी उपर जाकर ओला पत्थर के रूप में गिरने लग गया तब कोई आदमी, जानकार, फसल बचेगा?

शाकाहारी नशामुक्त बनाओ, कुदरत को मनाओ

तो लोगों को इनकी नाराजगी से बचाना है. इन देवताओं को खुश रखना है। भगवान ने पेड़ पौधे, मनुष्य के लिए बनाए, जो दूषित हवा को साफ करते, अगर इन्हें काट दोगे तो कहां से ऑक्सीजन मिलेगी? जो जानवर, कीड़े-मकोड़े आदमी की रक्षा के लिए बनाए गए उन्ही को जब मार करके खा जाओगे तो कहां से आदमी की रक्षा होगी? चाहे लोग कितने भी धार्मिक बन जाए लेकिन यह जो जीव हत्या का पाप कर्म है, जिस शरीर में दया धर्म, परोपकार, सेवा भावना, सच्चाई न हो, उसके अंदर वह प्रभु कैसे निवास कर पाएगा, कैसे प्रभु की दया उसे मिलेगी?

कोउ करे अपराध और कोई पावे फल भोग

आगे समय खराब आएगा। अगर लोग नहीं मानेंगे, और आप जो लोग सुन (पढ़) रहे हो, आप भी अगर एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल दोगे, और यदि खराब समय से लड़ने लायक अपने आप को नहीं बनाओगे, अपनी आत्मा को बलवान ताकतवर नहीं बनाओगे तो (असर) आपके, हमारे, किसी के भी ऊपर आ सकता है। जैसे कोई अपराध करता है और फल दूसरे को मिल जाता है, कैसे? जैसे पड़ोस के घर में आग लग गई, और आपके घर पर जयगुरुदेव लिखा हुआ है, गुरु की फोटो लगी है, ध्यान भजन करते हो, तो घर आपका भले ही न जाले लेकिन आप घर से भागोगे जरूर क्योंकि लोग कहेंगे भागो-भागो नहीं तो जल जाओगे इसमें और आप घर से बाहर निकलने लग गए। बाहर, अगल-बगल के घर में, सामने आग लगी है, आप निकाल करके जाओगे तो भले ही जलो न, लेकिन शरीर तो झुलासेगा ही, असर तो आएगा ही। इसलिए आप लोगों को बचाओ, प्रकृति के नियम के खिलाफ जो काम कर रहे हैं उनको समझाओ, बताओ उनका नाम से जोडो।

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