हरिद्वार। परी अखाड़े की प्रमुख साध्वी त्रिकाल भवंता ने जिलाधिकारी प्रयागराज को पत्र भेजकर संतों को जहर देकर मारने की साजिश के पकड़े गए आरोपी विक्रम मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए इसे एक बड़ा षडयंत्र बताया है। साथ ही त्रिकाल भंवता ने अपनी जान को भी खतरा बताया।
जिलाधिकारी को भेजे पत्र में साध्वी त्रिकाल भंवता ने कहाकि 24 दिसम्बर को एक युवक उनके आश्रम में आया और उसने अपना नाम विक्रम कुमार पुत्र रामलाल निवासी भरभनिया पट्टी टटीरी बागपत यूपी बताया। जिसने बातचीत में निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद के 1 जनवरी को होने वाले जन्मोत्सव कार्यक्रम में खीर में जहर देकर मारने की बात कही।
कारण पूछने पर उसने बताया कि कुछ दिनों पूर्व नौकरी दिलाने के नाम पर स्वामी कैलाशानंद ने उससे 20 लाख रुपये लिए थे। जिस रकम को उसने अपने खेत बेचकर दिया था। जबकि पैसा देने के बाद ना तो मुझे नौकरी मिली और ना ही पैसा वापस मिला। जिस कारण से वह उनसे नाराज है। पत्र में उन्होंने कहाकि युवक संदिग्ध प्रतीत होने पर उन्होंने नैनी थाने में फोन कर सूचना दी और युवक को पुलिस के हवाले कर दिया।
उन्होंने कहाकि 24 दिसम्बर की रात्रि में करीब 10 बजे प्रार्थीनी और आरोपी युवक को आमने-सामने बैठाकर पुलिस ने पूछताछ की। कहाकि 25 दिसम्बर की रात को करीब 9 बजे दो गाड़ियों में पुलिसकर्मी उनके आश्रम पर आए और उन पर एक टाईप किए गए कागज पर हस्ताक्षर करने का दवाब बनाया। पूछने पर पुलिसकर्मियों ने बताया की पकड़े गए युवक के खिलाफ कार्यवाही करने में आपकी लिखा-पढ़ी होना आवश्यक है। पार्थी के अधिवक्ता ने टाईप की गई कार्यवाही पर असहमति व्यक्त की। कहाकि अपनी सुरक्षा के लिहाज से वह इस प्रकार के पचड़े में नहीं पड़ना चाहती हैं। जिसके बाद पुलिस ने सुरक्षा का भरोया दिलाया। जिसके बाद उन्होंने साथ लाए टाईप किए कागज पर हस्ताक्षर करा लिए और बात में उसे ही तहरीर बना दिया।
26 दिसम्बर को मंदिर आकर पुलिसकर्मियों ने उन्हें प्राथमिकी की प्रतिलिपि सौंपी।
जिलाधिकारी को भेजे पत्र में साध्वी त्रिकाल भवंता ने कहाकि प्राथमिकी का अवलोकन करने के बाद स्पष्ट होता है कि स्थानीय पुलिस ने मामले में अपने ढ़ंग से केस दर्ज किया है। जबकि सत्यता कुछ और है। उन्होंने कहा कि पत्र में वर्णित तथ्यों पर संज्ञान लेकर प्रकरण पर पुलिस की भूमिका व आपराधिक षडयंत्र के खुलासे के लिए उचित कार्यवाही करने के निर्देश जारी करने की मांग की। इस पत्र की प्रतिमिलि साध्वी त्रिकाल भवंता ने पुलिस कमीश्वर प्रयागराज व यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी भेजी है।