550 परतों से स्वर्णमंडित हुई केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारें

विश्वप्रसिद्ध तीर्थ स्थल केदारनाथ धाम के गर्भगृह को स्वर्णमंडित कर दिया गया है। 550 सोने की परतों से गर्भगृह की दीवारें, जलेरी व छत को नया रूप दिया गया है। एएसआई के दो अधिकारियों की देखरेख में बुधवार सुबह तक आखिरी चरण का कार्य पूरा कर दिया गया है। महाराष्ट्र के एक दानदाता के सहयोग से बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने यह कार्य किया है।भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान व केंद्रीय भवन अनुसंधान रुड़की और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के छह सदस्यीय दल ने धाम पहुंचकर मंदिर के गर्भगृह का निरीक्षण किया था। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बाद केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत लगाने का काम शुरू किया गया।


विभाग के दो अधिकारियों की मौजूदगी में दानदाता के सहयोग से बीकेटीसी ने गर्भगृह, जलहरी व छत पर सोने की परत लगाने का काम शुरू किया जो अब अंतिम चरण में है। कई मजदूर काम में जुटे हैं। गौरीकुंड से घोड़ा-खच्चरों से सोने की 550 परतें तीन दिन पूर्व केदारनाथ पहुंचाई गईं। इन परतों को एक सप्ताह पूर्व नई दिल्ली से विशेष स्कॉट और पुलिस की कड़ी सुरक्षा में गौरीकुंड पहुंचाया गया था। इससे पूर्व मंदिर के गर्भगृह, जलहरी व छत को स्वर्णमंडित करने के लिए बीते सितंबर में वहां लगी चांदी की परतों को निकाला गया।


बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना है कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। विशेषज्ञों की मौजूदगी में मजदूरों के द्वारा बीते तीन दिनों से कार्य किया जा रहा है। केदारनाथ के वरिष्ठ तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती व पूर्व व्यापार संघ अध्यक्ष महेश बगवाड़ी सहित बीकेटीसी के ईओ रमेश चंद्र तिवारी का कहना है कि मंदिर के गर्भगृह की सोने की परतों से साज-सज्जा अभिनव पहल है। केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को समय-समय पर नया रूप मिला है।पहले केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को खाडू घास से सजाया जाता था। इसके बाद घास की जगह कटवा पत्थर ने लेली।इसके पश्चात गर्भगृह की दीवारें टीन से सजाई गईं लेकिन कुछ ही वर्षों बाद इन्हें हटा दिया गया। 2017 में एक दानदाता के सहयोग से मंदिर के गर्भगृह में चांदी की परतें लगाई थी।अब चांदी की परतों की जगह सोने की परतों ने ली है।

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