हरिद्वार। अपने मानदेय को लेकर संस्कृत शिक्षक दर-दर भटकने के लिए मजबूर हैं। शासकीय/प्रबंधकीय संस्कृत विद्यालय व महाविद्यालय के 155 शिक्षकों को 2021 में जारी हुए शासनादेश के बाद सम्मानजनक मानदेय दिया जा रहा है, जबकि 126 शिक्षक ऐसे हैं, जो अपने मानदेय को लेकर शासन-प्रशासन के सामने लगातार गुहार लगाते आ रहे हैं। आज संस्कृत शिक्षा निदेशालय के बाहर मांगों को लेकर संस्कृत शिक्षकों ने धरना शुरू किया।
विदित हो कि संस्कृत विद्यालय व महाविद्यालय में कार्यरत संस्कृत अध्यापकों को सरकार की ओर से वर्ष 2021 में एक शासनादेश जारी कर उचित मानदेय दिए जाने की बात कही थी, जिसके बाद संस्कृत विद्यालय व महाविद्यालय में कार्यरत 155 संस्कृत अध्यापकों को उचित मानदेय दिया जाने लगा, लेकिन किन्हीं कारणों से संस्कृत विद्यालयों व महाविद्यालयों में कार्यरत 126 संस्कृत अध्यापक सरकार के इस आदेश से वंचित रह गए थे। जो लगातार सरकार से स्वंय को 2021 के जारी शासनादेश में शामिल करने की मांग करते आ रहे हैं।
संस्कृत अध्यापकों का कहना है कि इस संबंध में उन्होंने सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया था। समय पूरा होने के बाद उनकी मांगें न माने जाने पर अब 126 संस्कृत अध्यापकों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।