हरिद्वार। कार्तिक पूर्णिमा पर्व कनखल स्थित सिद्धपीठ श्री सूरत गिरि बंगला गिरिशानंदाश्रम में सुंदरकांड़ पाठ, गंगा मां की भव्य आरती व दीपदान कर देव दीपावली का पर्व उल्लास के साथ मनाया गया।
कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर श्री सूरत गिरि बंगला गिरिशानंदाश्रम में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आश्रम परिसर में 51 सौ दीपदान कर देवताओं को अर्पित किए गए। इसके साथ ही विद्युत की रोशनी से आश्रम परिसर का जगमगाया गया। इस अवसर पर मां गंगा के तट पर सुंदरकांड़ पाठ का आयोजन हुआ। जिसमें आश्रम के संत, विद्यार्थी व भक्तों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस अवसर पर अपने संदेश में आश्रम के परमाध्यक्ष महामण्डलेश्वर आचार्य स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज ने भक्तों को आशीर्वचन देते हुए कहाकि सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा पर्व का विशेष महत्व है। इसे देव दीपावली भी कहा जाता है। उन्होंने कहाकि इस दिन देव लोक से देवतागण धरा धाम पर आकर तीर्थों में स्नान करते हैं, इस कारण तीर्थों में स्नान और दान करने का आज के दिन का विशेष महत्व है। उन्होंने कहाकि आज के दिन दीपदान करने से व्यक्ति के जीवन में बाधाओं का नाश होता है तथा जीवन में उल्लास व आनन्द की प्राप्ति होती है।
उन्होंने सुंदरकांड़ पाठ का मर्म बताते हुए कहाकि रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास महाराज ने सभी कांड़ों के नाम स्थान व समय के अनुरूप दिए, किन्तु मानस में सुंदरकांड़ ही ऐसा है जिसका उन्होंने किसी स्थान व समय के अनुरूप नाम न देकर सुंदरकांड़ रखा। कहाकि सुंदरकांड़ का पाठ करने वालों का जीवन सुंदर हो जाता है और उसे प्रभु श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है।
सुंदरकांड़ पाठ के बाद भव्य मां गंगा की आरती उतारी गई। इस दौरान आश्रम के कोठारी स्वामी उमानंद गिरि, स्वामी विश्वस्वरूपानंद गिरि, स्वामी प्रदीप गिरि, स्वामी कमलानंद, आश्रम के भक्त, विद्यार्थी आदि मौजूद रहे।