हरिद्वार। शक्ति की उपासना का पर्व शारदीय नवरात्र इस बार 3 अक्टूबर से प्रारंभ होने जा रहे हैं। इस बार तीसरा नवरात्र बढ़ गया है, जो की अत्यंत महत्वपूर्ण नवरात्र है। ये सत्ता पक्ष वालांे के लिय लाभदायक होगा।
भारतीय प्राच्य विद्या सोसायटी कनखल के संस्थापक ज्योतिषाचार्य पं. प्रतीक मिश्रपुरी के मुताबिक शारदीय नवरात्र शक्ति पूजा के लिय सर्वोत्तम कहे गए हैं। इस बार नवमी और विजय दशमी एक साथ होंगे, जो की 12 अक्टूबर को होंगे। इसी दिन अपराजिता का पूजन भी होगा। 11 अक्टूबर को अष्टमी होगी। इन नवरात्रों में दुर्गा, लक्ष्मी, काली, चामुंडा, दस महाविद्या, नव दुर्गा, वन देवी इत्यादि की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
श्री मिश्रपुरी के मुताबिक इन नवरात्र में कुमारी पूजन का सबसे अधिक महत्व है। किसी भी जाति की कन्या को भोजन कराया जा सकता है। कुमारी पूजा से आरोग्य, धन, यश की प्राप्ति होती है। 3 अक्टूबर गुरुवार को प्रतिपदा तिथि में कलश स्थापना सिंह लगन या कन्या लग्न करना उचित होगा। सिंह लगन प्रात 5 बजे तक होगा कन्या लग्न 5 बजे से 7.30 प्रात तक होगा। इस बार नवरात्र मलाव्य योग जो की शुक्र से बनेगा, भद्र योग जो की बुध से बनेगा, सस योग जो की शनि से बनेगा ये तीन पंच महापुरुष योग विद्यमान होंगे। इनमें की हुए साधना बहुत शुभ फल प्रदान करेगी।