उत्तराखंड में आज भी ऐसे कई गांव हैं, जहां सड़क नहीं है। गांवों तक सड़क नहीं होने से बीमार बुजुर्ग और महिलाओं के प्रसव के दौरान बड़ी परेशानी उठानी पड़ती है। ताजा मामला टिहरी जनपद के धनौल्टी का है जहां सड़क के अभाव में प्रसव पीड़ा में तड़पती अंजू देवी ने धनौल्टी लग्गा गोठ से रात में 5 घंटे का पैदल सफर तय कर अस्पताल पहुंची।
बता दें कि धनौल्टी लग्गा गोठ निवासी सोनू गौड़ की धर्मपत्नी अंजू देवी की 22 जून रात को प्रसव पीड़ा होने पर रोड न होने के कारण पैदल ही रात्रि के करीब 11 बजे धनौल्टी लग्गा गोठ से पैदल जंगल के बीचों बीच से उबड़ खाबड़ रास्ते होते हुए निकले और धनौल्टी पहुंचते-पहुंचते 5 घंटे का समय लग गया। रोड ना होने के कारण सोनू गौड़ अपनी धर्म पत्नी अंजू देवी को सुनसान उबड़ खाबड़ जंगल के रास्ते से होते हुए रात्रि में सुबह बजे सुबह धनौल्टी पहुंचे।
उसके बाद प्राइवेट वाहन से मसूरी अस्पताल पहुंचाया। जहां पर पहुंचते ही उनका प्रसव हो गया। उन्होंने बेटे को जन्म दिया। सोनू गौड़ ने अपनी पीड़ा को रात्रि में वीडियो के माध्यम से समस्त जनप्रतिनिधियों और सरकारी नुमाइंदों तक पहुंचाने का प्रयास किया। लेकिन किसी ने भी मदद नहीं की।