पुजारी करता था कुकर्म, इसलिए मौत के घाट उतारा

हरिद्वार। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कोतवाली मंगलौर के ग्राम नसीरपुर गांव के मंदिर के पुजारी की हत्या का खुलासा किया है। हत्या में शामिल आरोपी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी का चालान कर उसे जेल भेज दिया है।
पुलिस को आरोपी ने बताया है कि पुजारी उसके साथ कुकर्म करता था और पुजारी उसे चोरी में फंसाने की धमकी भी दे रहा था जिसके डर से ही उसने हत्याकांड को अंजाम दिया।
कोतवाली मंगलौर में पुजारी हत्याकांड का खुलासा करते हुए एसएसपी हरिद्वार योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि नसीरपुर ग्राम में मंदिर के पुजारी सुखराम उर्फ सूखा की 17 सितंबर को हत्या कर दी गई थी। हत्या का मुकदमा संदीप पुत्र ह्दयराम निवासी रणसुरा देवबंद ने दर्ज कराया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर हत्यारोपी की तलाश शुरू की थी। इसके लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया था। पुलिस टीम ने साक्ष्यों के आधार पर एक आरोपी धर्मेंद्र पुत्र राजवीर निवासी मीरपुर को गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि वह शादीशुदा नहीं है। वह और सुखराम 2 से 3 साल से एक दूसरे को जानते हैं और ग्राम दुग्चौड़ी स्थित गन्ना सेंटर में चौकीदारी का काम करते थे। एक दिन सुखराम ने उसे दो हजार का नोट दिखाया और कमरे में ले गया। जहां सुखराम ने उसके साथ कुकर्म किया। आरोपी ने बताया कि सुखराम अक्सर उसके साथ कुकर्म किया करता था और उसके एवज में पैसे देता था। आरोपी ने बताया कि जब सुखराम नसीरपुर स्थित मंदिर में आ गया था तब भी उसने कई बार उसे बुलाया और कुकर्म किया। आरोपी ने बताया कि अब सुखराम उसे कुकर्म करने के बाद पैसे भी नहीं देता था। घटना वाली रात वह अपने गांव से साइकिल से नसीरपुर पहुंचा था। देर रात पहुंचने पर उसने जब बाबा से खाना मांगा तो सुखराम ने खाना देने से मना कर दिया। जब वह आरोपी के साथ कुकर्म करने लगा तो उसने पैसे की मांग की, लेकिन बाबा सुखराम ने पैसे देने से इंकार कर दिया। बाबा ने कहा कि अब वह मन्दिर का महंत है और अगर उसने पैसे मांगे तो मन्दिर में चोरी के आरोप में फंसा देगा। आरोपी ने अपने बचाव के लिए बाबा सुखराम की बिजली का करंट लगाकर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकद्मा दर्ज कर उसका चालान कर दिया।

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