षडयंत्रपूर्वक कई लोगों को जेल भिजवाने वाली प्रयागराज में खा रही भण्डारे

कई महंतों के संरक्षण में कुंभ के ले रही आनन्द
प्रयागराज।
विगत करीब चार वर्ष पूर्व एक संत के आश्रम के समीप पकड़ी गई नाबालिक और उसके बाद कई लोगों को रणनीति के तहत जेल की सलाखों के पीछे भिजवाने की मुख्य सूत्रधार कथित भगवाधारण करने वाली प्रयागराज में भण्डारे खाने में मस्त है। बालिक हो चुकी कथित पीडि़ता को चार महंतों का संरक्षण प्राप्त है। जबकि भण्डारा खाने वाली कथित साध्वी एक कथित महंत की प्राईवेट चेली भी है। इतना ही नहीं अपनी उम्र को ढाल बनाने वाली नाबालिक होते हुए भी कथित संत की चेली बनी हुई थी और आज भी है।


विदित हो कि नाबालिक देहरादून अन्तर्गत एक तहसील में एक संत के आश्रम के समीप पकड़ी गई थी। उस समय महिला इंस्पेक्टर ने नाबालिक को पकड़ा था। लाख दवाब के बाद भी इंस्पेक्टर ने नाबालिक को नहीं छोड़ा और बाल सुधार गृह भेज दिया था। जिसके बाद तिकड़म लगाकर एक संत ने नाबालिक को अपनी एक कथित चेली के संरक्षण में दिलवा दिया। उसके बाद नाबालिक को एक होटल में रखा गया, जहां खाकी वर्दीधारी बयान लेने के लिए आया करते थे। उसके बाद बाबा ने नाबालिक को पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया। आज भी नाबालिक ने बालिक हो चुकी कथित साध्वी बाबा की प्राईवेट चेली है।

इस पूरे मामले में एक खाकी वर्दीधारी भैया की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। यदि मामले की सही से जांच की जाए तो खाकी वर्दीधारी भैया के साथ कई अन्य भी बड़ी हवेली की शोभा बढ़ाएंगे।

मजेदार बात यह कि नीति, धर्म, सिद्धांत की दुहाई देने वाले कथित धर्माचार्यों के संरक्षण में यह सब कुछ हो रहा है। बावजूद इसके कोई कुछ न तो महंत की प्राइवेट चेली बन चुकी कथित साध्वी और न ही कथित महंत के खिलाफ कोई कार्यवाही करने को तैयार है, जबकि लम्बे अर्से से महंत चेली के साथ मौज-मस्ती करता आ रहा है। अब कुंभ में दोनों के संगम से कुछ न कुछ गुल तो अवश्य खिलने ही हैं। दोनों के द्वारा संगम की रेती में अमृत स्नान का कुछ तो परिणाम निकलेगा ही। जिसकी तैयारी कुछ संतों ने कर ली है और चेली के साथ महंत को बेनकाब करने का बीड़ा उठा लिया है।

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